अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने आज सुप्रीम कोर्ट को बताया कि रक्षा मंत्रालय से कुछ दस्तावेज किसी ने चुरा दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट में राफेल मामले में सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल की इस स्वीकारोक्ति के बाद विपक्ष ने सरकार की घेराबंदी तेज कर दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस पर पलट कर पूछ लिया कि जब दस्तावेज चोरी हो गए थे तो फिर सरकार ने इस मामले में क्या कार्रवाई की है !
फिर क्या था कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सरकार पर चोरी के आरोप लगाते हुए सीधे सीधे हमला तेज कर दिया और कह दिया कि चौकीदार वाकई चोर है और सरकार ने जानबूझकर राफेल डील के लिए वास्तविक कीमत से कहीं ज्यादा कीमत अदा की है और अपने चहेतों को नाजायज फायदा पहुंचाया है।
कोर्ट ने इस पर सुनवाई 2:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। चोरी किए हुए दस्तावेजों के बदले नए दस्तावेज प्रस्तुत किए जाने से कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार कर दिया था।
अटार्नी जनरल ने कोर्ट को बताया कि किसी कर्मचारी ने यह दस्तावेज चुराए हैं तथा जो मीडिया और अन्य लोग इन चोरी के दस्तावेजों पर भरोसा करके इस मामले को उछाल रहे हैं उन्हें भी मुकदमे का सामना करना होगा।
बस फिर क्या था दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणजीत सिंह सुरजेवाला ने तत्काल इस पर प्रतिक्रिया दी कि इसका मतलब तो यह है कि चौकीदार ही चोर है और ऐसा प्रधानमंत्री देश के लिए बेहद खतरनाक है जो सेना से संबंधित कागज गायब करवा दे।
जाहिर है कि आप आचार संहिता से ऐन पहले देश की सियासत सेना और विंग कमांडर अभिनंदन से लौटकर फिर राफेल पर आ टिकी है।