पिछले छह दिनों से उत्तराखंड की राजनीति में खबरों का केंद्र बने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और समाचार प्लस के सीईओ उमेश कुमार की सीधी जंग में एक नया ट्विस्ट आया है। कल तक उमेश कुमार के पक्ष में खड़े होने वाले भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के बाद अब भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी का भी पत्र लीक हो गया है।
भगत सिंह कोश्यारी द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के लिए लिखे गए पत्र ने तो अजय भट्ट के पत्र को भी पछाड़ दिया है, क्योंकि कोश्यारी तब विजय बहुगुणा को गरियाने वाले लोगों में पहली पांत के लोगों में शामिल थे। कोश्यारी ने अजय भट्ट के उमेश शर्मा के पक्ष में लिखे पत्र दिनांक 8-8-2012 से एक हफ्ते पहले 30-7-2012 को एक सिफारिशी पत्र तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के लिए लिखा था। भगत सिंह कोश्यारी ने उमेश कुमार को प्रखर पत्रकार बताने के साथ-साथ उन्हें न्याय के लिए लडऩे वाला व्यक्ति भी बताया।
भगत सिंह कोश्यारी का पत्र उतारकर ही अजय भट्ट ने तब तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को लिखा था। अजय भट्ट ने अपने पत्र में उन्हीं मुकदमों का जिक्र किया, जिनकी फेहरिस्त भगत सिंह कोश्यारी ने जारी की थी। अजय भट्ट के पत्र के बवाल के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी का पत्र मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के लिए तब गले की फांस बनता नजर आ रहा है, जबकि भगत सिंह कोश्यारी को त्रिवेंद्र रावत अपना अग्रज मानकर चलते हैं।
देखना है कि अजय भट्ट के पत्र के बाद भगत सिंह कोश्यारी का यह पत्र भारतीय जनता पार्टी की अंदरूनी और बाहरी राजनीति को तब किस प्रकार हिलाता है, जबकि अभी तक सरकार तथाकथित ऐसा एक भी स्टिंग प्राप्त नहीं कर पाई है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि उमेश कुमार ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत या उनके किसी खास का स्टिंग किया है और उन्हीं तथाकथित स्टिंग के कारण ही उमेश कुमार छह दिनों से जेल में हैं।
कुल मिलाकर भगत सिंह कोश्यारी के इस पत्र के बाद भारतीय जनता पार्टी पर विपक्षियों के हमले तेज होने स्वाभाविक हैं।