देहरादून झाझरा के विज्ञान धाम में 600 से भी अधिक प्रसिद्ध वैज्ञानिक शिक्षाविदों और अनुसंधान विद्वानों ने उत्तराखंड में विज्ञान को और अधिक मानव उपयोगी बनाने के विषय में मंथन किया।
अपने उद्घाटन भाषण में उत्तराखंड के राज्यपाल डॉक्टर के के पॉल ने उत्तराखंड में जैविक खेती को बढ़ाने जल स्रोतों को रिचार्ज करने की तकनीकी और भूकंप जैसे विषयों पर वैज्ञानिक शोध किए जाने की जरूरत जाहिर की।उन्होंने वैज्ञानिकों का आव्हान किया और ऊर्जा की जरूरत और पर्यावरण के बीच एक संतुलन बनाने आवश्यकता जताई।
इस अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सचिव श्री रविनाथ रमन ने बताया कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग राज्य में अच्छा कार्य कर रहा है और भविष्य में सरकार इस दिशा में और बेहतर करेगी
कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने प्रोफेसर एच एस धामी (कुलपति उत्तराखंड आवासीय विश्वविद्यालय अल्मोड़ा) को गणित में किए गए उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया तथा डॉक्टर बी एस तोमर निदेशक मुंबई को रसायन विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए साइंस एंड टेक्नोलॉजी एक्सीलेंस अवार्ड पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय बीज निगम दिल्ली के सह प्रबंध निदेशक डॉ विनोद कुमार गौड़ को कृषि विज्ञान के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया गया।
समारोह के दूसरे सत्र में हिमालय क्षेत्र के परिप्रेक्ष में विज्ञान के संचार की महत्ता पर विचार विमर्श किया गया और उत्तराखंड की परीक्षा में स्वास्थ्य स्थिति और इस पर हो रहे शोध पर चर्चा की गई।
इस मंथन में एम्स के निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि एम्स भविष्य में मातृ शिशु मृत्यु दर के साथ ही संक्रमण रोगों के बचाव और रोकथाम की दिशा में गंभीरता से कार्य करेगा।इस अवसर पर यू कॉस्ट के महानिदेशक डॉक्टर राजेंद्र डोभाल ने सभी वैज्ञानिकों और शोधार्थियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। और बताया कि यू कॉस्ट पर्वतीय क्षेत्र के निवासियों के विकास मे वैज्ञानिकों को शोधार्थियों को विचार-विमर्श करने और बेहतर शोध के लिए एक मंच प्रदान करता है।