आजकल शिक्षा विभाग में सुगम-दुर्गम के चक्कर में जहां हर शिक्षक दुर्गम से सुगम में आना चाहता है, वहीं नूर हसन जैसे शिक्षक भी हैं, जो दुर्गम से सुगम में आना ही नहीं चाहते।
कारण यह है कि उनको दुर्गम में ही राम्रो लगने लग गया है। मामला दरअसल यह है कि टिहरी जिले के प्रताप नगर के कोरदी गांव में एक ग्रामीण ने स्थानीय लंबगांव थाने में शिक्षक नूर हसन के खिलाफ तहरीर दी कि उसकी पत्नी से शिक्षक के अवैध संबंध हैं। और अब जब इसका विरोध किया तो उनकी पत्नी भी उन्हें धमकी दे रही है।
पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है। थानेदार सुखपाल सिंह का कहना है कि शिक्षक नूर हसन ने अपना मोबाइल फोन बंद किया हुआ है और उनके पास उपलब्ध एक कॉल रिकॉर्डिंग के मुताबिक नूर हसन उनकी पत्नी से मिलने का दबाव डाल रहा है, लेकिन उनकी पत्नी मिलने से आनाकानी कर रही है।
पुलिस का कहना है कि अभी अवैध संबंधों की कोई सबूत नहीं मिले हैं। और बात करना कोई गुनाह नहीं है। किंतु पीड़ित शिकायतकर्ता राजेश अब अपनी बीवी के साथ रहने को राजी नहीं है और पुलिस से बीवी को तलाक देने की मांग कर रहा है।
जबकि थानेदार सुखपाल सिंह का कहना है कि तलाक दिलाना पुलिस का काम नहीं है। इसके लिए सक्षम अदालत की शरण ली जा सकती है।
ग्रामीणों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की प्रति सम्मान अभी भी बचा हुआ है। ऐसे में शिक्षक नूर हसन एक ग्रामीण की विवाहिता से मिलने का दबाव बार-बार क्यों डाल रहा है ! इस पर पुलिस के साथ ही शिक्षा विभाग को भी संज्ञान लेना चाहिए !
पहाड़ों में कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में जीवन यापन कर रही महिलाओं को नूर हसन जैसे नौकरीपेशा लोग बरगलाने के लिए आसान शिकार समझते हैं। फिलहाल अभी तक पुलिस नूर हसन से संपर्क नहीं साध पाई है।
ग्रामीणों मे इस बात से गुस्सा है कि जब महिला मिलना नहीं चाहती थी तो यह शिक्षक महिला से बार-बार मिलने का दबाव भी क्यों डाल रहा था ? बहरहाल इस घटना से क्षेत्र में तनाव की स्थिति है।