पर्वतजन
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
पर्वतजन
No Result
View All Result

Home पर्वतजन

सरकार को झटका : आबकारी अधिकारियों के निलंबन स्टे। पैरवी पर सवाल

April 18, 2018
in पर्वतजन
ShareShareShare
नैनीताल।
हाईकोर्ट ने राजस्व हानि करने के आरोप में निलंबित किये गए देहरादून के जिला आबकारी अधिकारी मनोज उपाध्याय व हरिद्वार के प्रशांत कुमार को राहत देते हुए निलंबन आदेश पर रोक लगा दी है।  साथ ही सरकार को 26 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने के आदेश पारित किए हैं।
कोर्ट के आदेश से सरकार की खासी किरकिरी हुई है। पिछले दिनों राजस्व नुक्सान को आधार बताते हुए आबकारी मंत्री प्रकाश पंत के निर्देश पर तीन जिलों के जिला आबकारी अधिकारी को निलंबित कर दिए। 9 अप्रैल को अपर मुख्य सचिव  द्वारा निलंबन आदेश जारी किया। दून के मनोज व हरिद्वार के प्रशांत ने याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट में निलंबन आदेश को चुनौती दी। न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीके बिष्ट व न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद दोनों अधिकारियों के निलंबन आदेश पर रोक लगा दी।
एडीएम को चार्ज देने पर उठे थे सवाल 
सरकार की मंशा पर सवाल तो तभी खड़े हो गए थे जब इन अधिकारियों को निलंबित करने के बाद किसी विभागीय अधिकारी को तैनात करने के बजाए अस्थाई तौर पर इनका चार्ज एडीएम को ही दे दिया गया।
 एडीएम को अपने अन्य कामकाजों के साथ आबकारी की बारीकियां समझने के लिए समय ही नहीं बचता।
 सूत्रों की माने तो एडीएम की प्रभारी तौर पर नियुक्ति के पीछे मंशा यही थी कि किसी तरह से कानूनी तौर पर कोर्ट में निलंबित हुए अफसरों का निलंबन निरस्त हो जाए और उन्हें दोबारा से वही चार्ज दे दिया जाए
 एक तरीके से उनके लिए पिछला दरवाजा खुला छोड़ा गया था। एडीएम को आबकारी की बारीकियां समझने में कितनी दिक्कतें आती हैं, इसका एक उदाहरण यह है कि जब देहरादून में मनोज उपाध्याय ने काम करने से मना कर दिया तो जिला अधिकारी ने एडीएम को चार्ज संभालने के लिए भेजा किंतु एडीएम ने भी हाथ खड़े कर दिए तो फिर संयुक्त आयुक्त को व्यवस्था संभालने के लिए भेजना पड़ा था।
डेढ़ करोड़ की दुकान दे दी थी 52 लाख में 
 शासन ने जिन तीन जिलों के जिला आबकारी अधिकारियों को निलंबित किया, उन्होंने अपनी जिलों की दुकानें तय राजस्व से  काफी गुना कम पर आवंटित कर दी थी। उन पर यह आरोप था कि उन्होंने पहले तो 39 दुकानों को इसलिए आवंटन नहीं किया ताकि उनको दैनिक आधार पर आवंटित करने के लिए मजबूर होना पड़े और फिर पूलिंग करते हुए मनचाही कम दरों पर उन्हें हासिल करके मोटा मुनाफा कमाया जा सके।
 इसमें सबसे अधिक नुकसान देहरादून में हुआ था। यहां दैनिक आधार पर संचालित की जा रहीं 39 दुकानों को तय राजस्व से करीब 37 फीसद कम पर दे दिया गया था। यहां तक कि रायवाला अंग्रेजी की जो दुकान प्रदेश में सबसे अधिक राजस्व देती है, उसे महज 35 फीसद पर आवंटित कर दिया गया। आबकारी मंत्री प्रकाश पंत के निर्देश पर आबकारी आयुक्त ने अप्रैल माह तक के लिए आवंटित की गई दुकानों के राजस्व का ब्योरा मांगा था। रिपोर्ट में पता चला कि दून में 20 फीसद राजस्व पर भी दुकानें आवंटित की गई हैं। इस तरह दैनिक आधार पर संचालित की जा रहीं 39 दुकानों में से लगभग सभी में राजस्व की चपत लग रही थी।
आबकारी मंत्री व आयुक्त तक ऐसी शिकायतें भी मिली थीं कि कई ठेकेदारों से ऑफर लिए ही नहीं गए।
देहरादून के जिला आबकारी अधिकारी मनोज उपाध्याय पर तो यह भी  आरोप है कि उन्होंने कार्यभार संभालते ही  एक वर्ग विशेष के ठेकेदारों को  पनपाना शुरू कर दिया था।
 उन्हीं की सबसे अधिक दुकानें  शामिल थी और उन्होंने  अंतिम अवधि तक भी 10 करोड रुपए  जमा नहीं किए थे।  और जब आखिरी चरण में 10 करोड रुपए जमा किए भी तो अब तक उनसे  डेढ़ करोड़ के लगभग व्याज की वसूली नहीं की जा सकी थी।
 देहरादून के जिलाधिकारी एस ए मुरुगेशन की सक्रियता के चलते कम कीमत पर दुकानें आवंटित करने का खेल समय रहते पकड़ लिया गया फिर एक माह में अधिक से अधिक राजस्व वसूलने के लिए जिलाधिकारी ने दो तीन बार टेंडर आमंत्रित किए।
 सबसे बड़ा सवाल इन जिला आबकारी अधिकारियों की निलंबन को स्टे मिल जाने से यह उठता है कि आखिर किसके इशारे पर कोर्ट में ठीक से पैरवी नहीं की गई।
 सवाल उठ रहे हैं कि आखिर क्यों चीफ़ स्टैंडिंग काउंसिल और अटॉर्नी जनरल इस केस की पैरवी के लिए कोर्ट में हाजिर नही हुए।
 उनकी गैरहाजिरी के कारण उनके खिलाफ केस कमजोर पड़ गया और उनका निलंबन निरस्त हो गया। इससे सरकार की जो किरकिरी हुई है उसे जल्दी भरा जाना मुमकिन नहीं लगता।

Previous Post

सावधान! शराब पीकर गाड़ी चलाई तो नहीं होगी स्टार्ट!

Next Post

स्वास्थ्य विभाग में बंपर तबादले: पहाड़ भेजे 3 देहरादून लाये 9 

Next Post

स्वास्थ्य विभाग में बंपर तबादले: पहाड़ भेजे 3 देहरादून लाये 9 

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *






पर्वतजन पिछले २3 सालों से उत्तराखंड के हर एक बड़े मुद्दे को खबरों के माध्यम से आप तक पहुँचाता आ रहा हैं |  पर्वतजन हर रोज ब्रेकिंग खबरों को सबसे पहले आप तक पहुंचाता हैं | पर्वतजन वो दिखाता हैं जो दूसरे छुपाना चाहते हैं | अपना प्यार और साथ बनाये रखिए |
  • हादसा: केदारनाथ में लैंडिंग के दौरान हेली एंबुलेंस दुर्घटनाग्रस्त..
  • नकल विरोधी कानून पर डॉल्फिन छात्रों ने CM को कहा धन्यवाद
  • गजब कारनामा: अब सेवा पुस्तिका ढूंढेंगे देवता! PWD की चिट्ठी वायरल
  • 108 आपातकालीन सेवा कर्मियों को चार धाम यात्रा और आगामी मानसूनी सीजन के मद्देनजर दिया ‘ट्रामा केयर‘ प्रशिक्षण
  • बिग ब्रेकिंग: कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसले ..
  • Highcourt
  • उत्तराखंड
  • ऋृण
  • निवेश
  • पर्वतजन
  • मौसम
  • वेल्थ
  • सरकारी नौकरी
  • हेल्थ
May 2025
M T W T F S S
 1234
567891011
12131415161718
19202122232425
262728293031  
« Apr    

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

error: Content is protected !!