विधानसभा सत्र के दौरान बिना अनुमति के कार्यालय से नदारद अधिकारी। खबर का असर। डीएम ने तलब किया अधिकारी का स्पष्टीकरण । निर्माणाधीन पुल के पहुुंच मार्ग पर अतिक्रमण करवाने का आरोप।
गिरीश गैरोला
गंगोत्री राजमार्ग पर निर्माणधीन नालूणा पुल की अप्रोच पर हुई अतिक्रमण के सवाल पर वर्ड बैंक खंड लोक निर्माण विभाग उत्तरकाशी के अधिशासी अभियंता रमेश चंद्रा का पक्ष जानने के लिए जब पर्वतजन की टीम उनके ज्ञानसू स्थित कार्यलय पहुंची तो वहां कोई भी अभियंता नहीं मिला। कार्यालय के वरिष्ठ सहायक लक्ष्मण सिंह ने बताया कि साहब मीटिंग में देहरादून गए हैं। फिर कहा कि छुट्टी लेकर गए है। गौरतलब है कि स्टेशन छोड़ने से पूर्व डीएम की अनुमति जरुरी होती है । खासकर विधान सभा सत्र में पूछे गए प्रश्नों के तत्काल जबाब के लिए सुबह 9 बजे से ऑफिस में मौजूदगी जरूरी बतायी गयी है।
वही डीएम डॉ आशीष चौहान ने साफ कहा कि उनसे कोई अनुमति नहीं ली गयी है। साथ ही विधान सभा सत्र के दौरान बिना अनुमति के स्टेशन छोड़ कर जाने के लिए अधिकारी का स्पष्टीकरण काॅल किया है।
गौरतलब है कि वर्ड बैंक खंड द्वारा निर्माणधीन नालूणा पुल पर लोहे की प्लेट IIT रुड़की की जाँच में सैम्पल फेल पाये गए थे जिस पर कार्यवाही करते हुए विभागीय सचिव ने पूरी घटना की वीडियोग्राफी करते हुए पुराणी प्लेट हटाते हुए नई प्लेट लगाने के निर्देश दिए थे और अधिशासी अभियंता पर कार्यवाही करते हुए ट्रांसफर की बात कही गयी थी । गौर करने वाली बात ये रही कि विभागीय सचिव ही बदल गए किन्तु अभियंता से अभी भी उसी स्थान पर डटे हैं। इतना ही नहीं पुल की अप्रोच रोड पर बीचों-बीच मिलीभगत से अतिक्रमण कर दुकाने बनवा ली गयी है। अब सवाल ये है कि करोडों खर्च कर तैयार किये गए हलके वाहन पुल तक पहुचेंगे कैसे !