कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों द्वारा की जा रही हड़ताल को गंभीरता से लेते हुए सरकार से हड़ताली कर्मचारियों पर एस्मा लगाने को कहा है। न्यायालय ने यह भी कहा कि यदि कर्मचारी नहीं मानते हैं तो उनका वेतन रोकने संबंधी अन्य कार्यवाही करें। खण्डपीठ ने सरकार को यह निर्देश दिये हैं कि, सरकार कर्मचारियों की जायज मांगों पर भी विचार किये जाएं।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खण्डपीठ ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए आज ये निर्देश जारी किये। उत्तराखंड कार्मिक आउटसोर्स संयुक्त मोर्चे के आह्वाहन पर तेरह सूत्रीय मांगों को लेकर विभिन्न विभागों के 12 हजार कर्मचारी हड़ताल पर हैं। कर्मचारी समान कार्य व समान वेतन के अलावा ए.सी.पी.का लाभ देने की मांग कर रहे हैं। न्यायालय ने ‘इन द मैटर आफ प्रोविंसन आफ रिक्रूटमेंट स्ट्राइक आर्गेनाइज बाइ वेरियस गवर्मेंट और नान गवर्मेंट यूनियन’ के नाम से जनहित याचिका का संज्ञान लेते हुए ये आदेश दिये हैं।