कमल जगाती, नैनीताल
वर्ष 2013 में केदारनाथ में आपदा के दौरान तीर्थ यात्रियों की मौत के मामले में उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं। खण्डपीठ ने सरकार से ये भी पूछा है कि सरकार शवों का डी.एन.ए. टैस्ट किस प्रयोगशाला में करवाया जा रहा है ?
आपको बता दें कि आपदा के बाद दिल्ली निवासी आचार्य अजय गौतम ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि आपदा के बाद से केदार घाटी में लगभग 4200 लोग लापता हैं। जिसमें से 600 के कंकाल बरामद किये जा चुके हैं। आपदा के चार साल बाद भी 3200 लोग केदारघाटी में दफन है जिनको सरकार निकालने के लिए कोई कार्य नही कर रही है। पूर्व में भी इस न्यायालय ने सरकार को आदेश दिया था कि, सरकार केदारनाथ घाटी से शवों को निकालकर अंतिम संस्कार करे। लेकिन सरकार ने अभी तक कोई कार्यवाही नही की है। आचार्य अजय गौतम के अधिवक्ता अजयवीर पुण्डीर ने कहा कि आज भी केदारधाटी से शव निकल रहे हैं। शवों को ढूंढकर उनका अंतिम संस्कार कराया जाए। साथ ही शवों का डी.एन.ए.करा कर परिजनों को शव सौंपे जाएं। सरकार के पास अबतक 900 से अधिक लोग अपने संबंधियों का शव लेने पहुंचे हैं और ये लोग अपना डी.एन.ए. करवाने को भी तैैयार बैठे हैंं।
मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति नारयण सिंह धनिक की खंडपीठ ने राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब पेश करने के आदेश दिए है।