नैनीताल। कोरोनाकाल में जहां नैनीताल जनपद की पुलिस, डॉक्टर, सफाईकर्मी, मीडियाकर्मी दिन रात काम करके आपको सुरक्षित रखने का काम कर रहे थे, वहीं कुछ कोरोना वारियर्स ऐसे भी थे, जो इन सबके बीच उन लोगों की सेवा करते रहे, जो विभिन्न आश्रयग्रह और क्वारंटीन सेंटर में रुकवाए गए लोगों की सेवा में पिछले 50 दिनों से दिन-रात जुटे रहे।
हल्द्वानी स्टेडियम स्थित सेंट्रल किचन में काम कर रहे 32 खानसामे आज प्रशासन द्वारा कार्यमुक्त किए गए, ये सभी लोग हल्द्वानी स्टेडियम में बनाए गए सेंट्रल किचन में उन लोगों के लिए खाना बना कर खिला रहे थे, जो यात्री या तो आश्रयग्रह या क्वारंटीन सेंटर मे सरकार के आदेशानुसार रुकवाए गये थे।
मार्च अंत में जब केंद्र सरकार द्वारा जब किसी भी तरह के मूवमेंट को रोक दिया गया और जो जहां है, उसको वही रुकवाने के आदेश जारी कर दिए तो नैनीताल जिला प्रशासन द्वारा तुरंत एक एनजीओ को खाना खिलाने की जिम्मेदारी सौंपी। हिमालयन फ्लेवर्स से संपर्क कर खाने की व्यवस्था करने की अपील की। जिसके बाद इस संस्था द्वारा तत्काल आवश्यक कार्यवाही करते हुए मोर्चा संभाल लिया।
इस दौरान इनके द्वारा अति संवेदनशील क्षेत्र, जिसमें ज्यादातर बाहर से आये हुए लोग थे और सब तरफ कोरोना का भय व्याप्त था। इस संस्था को सतर्कता एवं बचाव से लगभग 500 से अधिक लोगों की खाने और खिलाने की व्यवस्था कर लोगों को भरपेट खाना खिलाया। इनके द्वारा हल्द्वानी क्षेत्र के लगभग 15 किलोमीटर के दायरे में स्थित क्वारन्टीन और आश्रयग्रह में उन लोगों को भी खाना खिलाया गया, जो कोरोना संदिग्ध भी थे।
संचालक समिति के एक सदस्य बताते हैं कि इस दौरान हल्द्वानी के विभिन्न क्वारंटीन सेंटरों से इनके द्वारा खिलाए गए 7 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इसी दौरान संस्था द्वारा अपने कर्मचारियों की नियमित जांच के अलावा सभी कर्मचारियों को कोरोना के विषय में खास प्रशिक्षण भी दिया गया। साथ ही संस्था द्वारा अपने सभी कर्मचारियों को मास्क, सैनिटाइजर, हैडकैप, ग्लव्स और अन्य जरूरी उपकरण भी दिए गए, जिससे ये अपना बचाव कोरोना से कर सकें।
कार्य अवमुक्त होने से पहले हिमालयन फ्लेवर्स द्वारा 16000 से अधिक लोगों को खाना/चाय/फल/बिस्कुट खिलाया गया, जो कि ऐसा कार्य था। इसकी प्रशंशा हर यात्री द्वारा की गयी।
इन कोरोना वारियर्स का नाम भले ही कोई अधिकारी लेना नहीं चाहता हो, मगर कोरोनाकाल में जो कार्य इनके द्वारा किया गया, वो इतिहास में उन वॉइलेन बजाने वाले से जरूर मिलता जुलता है, जो टाइटैनिक के डूबने के वक्त भी अपना काम करने में लगे हुए थे।
नैनीताल जिले के इन गुमनाम कोरोना वारियर्स के नाम हैं।
योगेन्द्र सिंह चुफाल, मनोज कुमार जोशी, प्रताप सिंह मेहरा, पीयूष बिष्ट, संदीप पाण्डे, सौरभ पंत, मुकेश बसेड़ा, कमल उपाध्याय, हरीश चंद्र, हरीश कुमार, नितिन पाण्डे, कुंदन लाल, गोपाल गोस्वामी, आशीष बिष्ट, पूरन, रवि शंकर, गुड्डू, मुकेश, हरीश, काण्डपाल, राकेश, धर्मपाल, राजीव, सक्सेना, खुशाल सिंह रावत, गोपाल, श्याम, टिंकू, चिंकू, दीपू, सतवीर, लोहनी, चंदन, विनोद, सक्सेना(बड़ा), भूपेंद्र, गणेश आदि शामिल हैं।