गिरीश गैरोला
चंपावत के एडीएम हेमंत कुमार वर्मा ने इस्तीफा दे दिया है। श्री वर्मा ने जिलाधिकारी चंपावत को अपना इस्तीफा लिखित में सौंप दिया और अपना सरकारी वाहन भी जमा करा दिया।
बताया जा रहा है कि एडीएम हेमंत कुमार वर्मा चंपावत में चल रहे एक संस्था के कार्यक्रमों को लेकर काफी टॉर्चर महसूस किए जा रहे थे। और मानसिक रूप से भी काफी परेशान थे।
गौरतलब है कि चंपावत में इन दिनों “उत्तराखंड सतत विकास पर्व” मनाया जा रहा है। और यह पर्व एक फाउंडेशन को ज्यादा तवज्जो दिए जाने के कारण विवादों में घिर गया है। डायस फाउंडेशन के कार्यक्रमों से जिले के अधिकारी काफी परेशान हो चुके थे।
हेमंत कुमार वर्मा के इस्तीफे को इसी नजरिए से देखा जा रहा है।
जाहिर है कि यह एक कंडीशनल इस्तीफा हो सकता है।
उत्तराखंड सतत विकास कार्यक्रम में शनिवार को जिला प्रशासन व एनजीओ को बड़ा झटका लगा। लगातार एक माह से कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे एडीएम ने एनजीओ संचालक द्वारा अधिकारियों का शोषण किए जाने से आहत होकर शनिवार को डीएम को अपना इस्तीफा सौंप कर कार्यक्रम से वॉक आउट कर दिया। साथ ही अपना मोबाइल बंद कर अपने आवास को चले गए।
उत्तराखंड सतत विकास पर्व के लिए द डायस फाउंडेशन ने जिला प्रशासन के साथ एमओयू किया है। फाउंडेशन संस्थापक केशव गुप्ता डीएम डॉ. अहमद इकबाल से ही कार्यक्रम की रूपरेखा तय की। इस बीच डीएम छुट्टी चले गए और कार्यक्रम का पूरा जिम्मा व कार्यभार एडीएम हेमंत कुमार वर्मा को सौंप गए। डीएम के छुट्टी जाने के बाद फाउंडेशन संस्थापक केशव गुप्ता डीएम का संरक्षण लेकर एडीएम समेत सभी अधिकारियों का शोषण करने लगे। वह चाहे डेलीगेट्स को लाने ले जाने को लेकर हो या फिर अन्य रिकॉर्ड उपलब्ध कराने को। दिन हो या रात कभी भी किसी अधिकारी को फोन कर परेशान करने लगते हैं। अगर किसी अधिकारी ने काम में ना नुकर की तो वह सीधे डीएम को फोन कर देते। आलम यह हो गया कि कार्यक्रम से हर अधिकारी दुखी हो गए। एडीएम की तबियत इतनी खराब हो गई कि कई बार कलेक्ट्रेट में उनकी नाक से खून तक निकल गया। वह कई दिनों से अपनी नींद पूरी नहीं कर पा रहे थे। डॉक्टर ने उन्हें आराम के लिए बोला था। मगर वह फिर भी कार्यक्रम की तैयारियों में लगे रहे। अधिकारियों के वाहन डेलीगेट्स को लाने ले जाने में लगा दिया गया। जिससे अधिकारी पैदल हो गए। शुक्रवार को जब कार्यक्रम का शुभारंभ होना था, उससे पूर्व रात्रि में ही फाउंडेशन सदस्य डेलीगेट्स की छोटी-छोटी सुविधा के लिए रात भर अधिकारियों को फोन कर परेशान करने लगे। फाउंडेशन के सदस्य कई बार डीएम के बल पर अधिकारियों से अभद्रता भी कर चुके। सूत्रों का कहना है कि कार्यक्रम में कई वित्तीय अनियमित्ता भी सामने आई। इन सबसे परेशान हो कर शनिवार को एडीएम वर्मा ने डीएम को संबोधित अपना इस्तीफा मुख्य प्रशासनिक अधिकारी को देकर चले गए। एडीएम कार्यक्रम को बॉय-बॉय कर अपने आवास चले गए और मोबाइल बंद कर दिया।
उत्तराखंड सतत विकास पर्व के लिए द डायस फाउंडेशन ने जिला प्रशासन के साथ एमओयू किया है। फाउंडेशन संस्थापक केशव गुप्ता डीएम डॉ. अहमद इकबाल से ही कार्यक्रम की रूपरेखा तय की। इस बीच डीएम छुट्टी चले गए और कार्यक्रम का पूरा जिम्मा व कार्यभार एडीएम हेमंत कुमार वर्मा को सौंप गए। डीएम के छुट्टी जाने के बाद फाउंडेशन संस्थापक केशव गुप्ता डीएम का संरक्षण लेकर एडीएम समेत सभी अधिकारियों का शोषण करने लगे। वह चाहे डेलीगेट्स को लाने ले जाने को लेकर हो या फिर अन्य रिकॉर्ड उपलब्ध कराने को। दिन हो या रात कभी भी किसी अधिकारी को फोन कर परेशान करने लगते हैं। अगर किसी अधिकारी ने काम में ना नुकर की तो वह सीधे डीएम को फोन कर देते। आलम यह हो गया कि कार्यक्रम से हर अधिकारी दुखी हो गए। एडीएम की तबियत इतनी खराब हो गई कि कई बार कलेक्ट्रेट में उनकी नाक से खून तक निकल गया। वह कई दिनों से अपनी नींद पूरी नहीं कर पा रहे थे। डॉक्टर ने उन्हें आराम के लिए बोला था। मगर वह फिर भी कार्यक्रम की तैयारियों में लगे रहे। अधिकारियों के वाहन डेलीगेट्स को लाने ले जाने में लगा दिया गया। जिससे अधिकारी पैदल हो गए। शुक्रवार को जब कार्यक्रम का शुभारंभ होना था, उससे पूर्व रात्रि में ही फाउंडेशन सदस्य डेलीगेट्स की छोटी-छोटी सुविधा के लिए रात भर अधिकारियों को फोन कर परेशान करने लगे। फाउंडेशन के सदस्य कई बार डीएम के बल पर अधिकारियों से अभद्रता भी कर चुके। सूत्रों का कहना है कि कार्यक्रम में कई वित्तीय अनियमित्ता भी सामने आई। इन सबसे परेशान हो कर शनिवार को एडीएम वर्मा ने डीएम को संबोधित अपना इस्तीफा मुख्य प्रशासनिक अधिकारी को देकर चले गए। एडीएम कार्यक्रम को बॉय-बॉय कर अपने आवास चले गए और मोबाइल बंद कर दिया।
इससे पहले श्री वर्मा अल्मोड़ा की भिकियासैण तहसील में एसडीएम के पद पर तैनात थे।
जिला सूचना अधिकारी नारायण सिंह बिष्ट का कहना है कि सुबह 11:00 बजे तक तो वह कार्यक्रम में दिख गए थे किंतु शाम समारोह में वह नहीं दिखाई दिए।
इस्तीफे जैसी किसी भी घटना की जानकारी से जिला सूचना अधिकारी ने इनकार कर दिया।
इस संबंध में जिलाधिकारी डॉक्टर अहमद इकबाल से बातचीत की तो उनका कहना था कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है। कमिश्नर कुमाऊं चंद्रशेखर भट्ट का कहना है कि यह सास बहू के झगड़े जैसा है और जल्दी ही इसे निपटा लिया जाएगा।
हेमंत वर्मा ने अपने मोबाइल स्विच ऑफ किए हुए हैं। जिससे इस्तीफे का मकसद अथवा उनका कोई पक्ष पता नहीं चल सका।