60 दिन बाद आखिर मान ही गए उलण के शेर सिंह।
आजादी के 70 वर्षो में पहली बार क्षेत्र में पहुंचा कोई डीएम।
फूल मालाओं से हुआ डीएम का स्वागत ।
आंदोलनकारी का टूटा मौन व्रत ।
क्षेत्रीय विधायक के साथ डीएम और लोक निर्माण विभाग जिंदाबाद के भी लगे नारे।
गिरीश गैरोला ।
उत्तराखंड मे यमुनोत्री विधानसभा के अंतर्गत चमियारी -उलण सड़क मार्ग निर्माण सहित 11 सूत्रीय मांगों को लेकर चल रहा ग्रामीणों का धरना आखिरकार 60 दिन बाद डीएम के धरनास्थल पर पहुंचते ही टूट गया ।
तीन बार भारत सरकार से फारेस्ट क्लीयरेंस की फाइल लौटने के बाद अब उम्मीद की जा रही है इस बार हमें कोई आपत्ति नहीं लगेगी । लोक निर्माण विभाग ने मौके पर डीएम उत्तरकाशी को भरोसा दिलाया कि वन विभाग से आपत्ति निस्तारण के 4 महीनों के भीतर सड़क निर्माण शुरू करा दिया जाएगा।
चिन्यालीसौड़ तहसील अंतर्गत चमियारी से उलण मोटर मार्ग के निर्माण को लेकर विगत 5 जनवरी से ग्रामीण धरने पर डटे थे । दो बार भारत सरकार के वन मंत्रालय से फारेस्ट क्लीयरेंस की फाइल आपत्ति के साथ वापस होने से विभाग के प्रति गुस्साये ग्रामीणों ने वयोवृद्ध शेर सिंह राणा की अगुवाई में वरिष्ठ बुजुर्ग नागरिकों ने धरना शुरू कर दिया और खुद बुजुर्ग शेर सिंह राणा ने प्रशासन की बाजय भगवान पर अंतिम भरोसा जताते हुए बाबा विश्वनाथ के मंदिर में सड़क निर्माण का ज्ञापन शिवलिंग को सौंपने के बाद मौन व्रत धारण कर लिया था।
सोमवार देर शाम जिलाधिकारी उत्तरकाशी के धरना स्थल पर पहुंचने के बाद शेर सिंह राणा ने मौन व्रत तोड़ते हुए अपना धरना स्थगित करने का निर्णय सुनाया । उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार कोई डीएम सुदूर इलाके में उनके गांव तक पहुंचा है और ग्रामीणों का के दुख दर्द को समझा है। जिलाधिकारी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि डीएम स्थानीय समस्याओं के निदान के प्रति जनता में खूब चर्तित है कि वह ग्रामीणों की समस्याओं के लिए हर स्तर से समर्पित रहते हैं ।लिहाजा उन्हें पूरा भरोसा है कि इस बार DM के आश्वासन के बाद सड़क निर्माण जरूर होगा ।
आंदोलन के संयोजक शिव शंकर पैन्यूली ने बताया कि तीसरी बार लोक निर्माण विभाग द्वारा भारत सरकार के वन और पर्यावरण मंत्रालय को फाइल भेज दी गई है। उन्हें भरोसा दिलाया गया है वन मंत्रालय से फाइल की आपत्तियों दूर होने के बाद 4 महीनों के अंदर सड़क के टेंडर आमंत्रित कर लिए जाएंगे। उन्होंने कहा वह हमेशा स्थानीय समस्याओं के निदान के लिए वयोवृद्ध शेर सिंह राणा जी के साथ खड़े हैं। हालांकि डीएम के आश्वासन के बाद उन्हें सड़क निर्माण क्या पूरा भरोसा हो चुका है इसके बावजूद भी जरूरत पड़ने पर वह फिर से आंदोलन के लिए तत्पर रहेंगे ।
उत्तरकाशी डॉक्टर आशीष चौहान ने बताया कि 11 सूत्रीय मांगों के साथ मोटर मार्ग के फॉरेस्ट की फाइल को डेढ़ महीने में पांच से सात बार वे खुद मॉनिटर कर चुके हैं । दो बार फाइल रिजेक्ट होने के बाद लोक निर्माण विभाग को पूरी तैयारी के साथ आपत्ति दूर कर भेजने के निर्देश दिए गए हैं। जो इस वक्त भारत सरकार स्तर पर पहुंच चुकी है और आपत्ति दूर होते हैं जल्द से जल्द सड़क निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त अन्य मांगों को लेकर पहले ही विभागीय अधिकारियों को निर्देश भी जारी किए जा चुके हैं।
गौरतलब है कि चमियारी से उलट सड़क निर्माण के लिए 4.8 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है, जिसके लिए क्षतिपूरक वृक्षारोपण के लिए दोगुनी जमीन सिविल सोयम में तलाश कर उस पर वृक्षारोपण किया जाना होता है । पूर्व में जिस जमीन का प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को भेजी गई वह जमीन किसी अन्य विभाग को भी आवंटित पाई गई थी लिहाजा दोबारा जमीन की तलाश कर भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया किंतु उसे भारत सरकार द्वारा अपर्याप्त बताकर वापस भेज दिया गया । अंतिम तौर पर तीसरी बार पर्याप्त जमीन तलाश कर भारत सरकार को भेज दी गई है जिसमे सैद्धांतिक स्वीकृति के बाद एनपीवी जमा किया जाएगा जिसके बाद ही भारत सरकार से विधिवत स्वीकृति के साथ धन आवंटित किया जाएगा।
प्रदेश में भाजपाकी सरकार होने के बाद भी दो महीने तक खुद bjp के नेता शिवशंकर पैन्यूली धरने पर बैठे रहे। देर से ही सही नौजवान आईएएस अधिकारी आशीष चौहान के धरना स्थल पर पहुचते ही न सिर्फ धरना टूटा बल्कि स्थानीय भाजपा बिधायक के साथ जिला प्रशासन और लोक निर्माण विभाग जिंदाबाद के नारे लगे और फूल मालाओं से स्वागत हुआ। अपनी कार्य शैली से जनता के बीच चर्चित आईएएस आशीष चौहान ने बताया कि बैठकों के लगातार चल रहे दौर के बाद भी वे अपने स्तर से इस मामले पर 5 -7 बार अधिकारियों की बैठक ले चुके है किंतु वयोवृद्ध शेर सिंह राणा और उनके साथ धरने पर बैठे वरिष्ठ नागरिकों के अमूल्य जीवन और उनके स्वास्थ्य की चिंता करते हुए वे बेहद व्यस्त दिनचर्या के बाद भी मौके पर पहुंचे।