भूपेंद्र कुमार
थराली उप चुनाव हारने के बाद कांग्रेस की कलह फिर से सतह पर आ गई है।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने अपनी फेसबुक वॉल पर आज हरीश रावत पर निशाना साधते हुए लिखा,-
“काफल चैप्टर अच्छी बात है लेकिन चैप्टर तभी महफूज रहेगा जब का फल का पेड़ रहेगा पेड़ तब महफूज रहेगा जब जंगल रहेंगे पक्षी रहेंगे और यह सब तब जिंदा रहेंगे जब बनवासी गिरिजन जिंदा रहेंगे।”
दरअसल 30 मई को किशोर उपाध्याय की अगुवाई में तिलाड़ी कांड की बरसी पर “वन अधिकार दिवस” कार्यक्रम मनाया गया था।
इस कार्यक्रम में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हरीश रावत ने शिरकत नहीं की थी। हालांकि इस कार्यक्रम में प्रीतम सिंह भी शामिल नहीं हुए।
किशोर उपाध्याय और समारोह मे मौजूद नागरिकों ने तिलाड़ी के शहीदों की याद में 30 मई को “वनाधिकार दिवस” के रुप में मनाए जाने का प्रस्ताव पारित किया।
हरीश रावत के कार्यक्रम में न आने को लेकर नाराज किशोर उपाध्याय ने हरीश रावत पर यह निशाना साधा। माना जा रहा है कि हरीश रावत पलटवार जरूर करेंगे।
हालांकि 31 मई को नेता प्रतिपक्ष तथा कांग्रेस की वरिष्ठ नेता इंदिरा हृदयेश ने भी हरीश रावत की काफल पार्टी पर जमकर भड़ास निकाली थी। इंदिरा हृदयेश ने व्यंग्य मारते हुए कहा कि हरीश रावत अनुभवी नेता है और सभी पदों पर रह चुके हैं ऐसे में अगर उन्हें लगता है कि काफल पार्टी से कांग्रेस पार्टी मजबूत हो रही है तो उनका स्वागत है।
विधानसभा चुनाव में भी करारी हार के बाद जब कांग्रेस के सभी बचे-खुचे योद्धा अपने जख्म सहला रहे थे, वहीं हरीश रावत तुरंत बाद जनता के बीच उतर आए थे। हरीश रावत काफल पार्टी के कार्यक्रमों के द्वारा जनता के बीच कांग्रेस की चर्चा जिंदा रखने के लिए काफल पार्टी जैसे कुछ न कुछ आयोजन करते रहते हैं।
ऐसे में अपनों के ही निशाने पर आ जाने से हरीश रावत खेमा भी असहज है। किंतु हरीश रावत भी अपने कांग्रेसी निशानेबाजों पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं चूकते। ऐसे में कांग्रेस की नोकझोंक चर्चित कार्टून सीरियल ‘टॉम एंड जेरी’ की जुगलबंदी की तरह जनता का मनोरंजन कर रही है। जनता भी त्रिवेंद्र सरकार की सुस्त चाल से बोर होकर कांग्रेस के ऐसे सीरियल से मनोरंजन कर लेती है।
अब देखना यह है कि हरीश रावत इसका जवाब कब और किस मौके पर देते हैं !