सरकार से नाराज उत्तराखंड में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा उनके उत्तराधिकारियों ने 15 अगस्त को मुख्य समारोह तथा अन्य सरकारी कार्यक्रमों का बहिष्कार करने का फैसला किया है। यह सभी सरकार की उपेक्षा से आहत हैं।
संगठन के संरक्षक तथा पूर्व विधायक रणजीत सिंह वर्मा ने सरकार पर अपने वादों को पूरा न करने का आरोप लगाते हुए एक बैठक में लिए गए फैसले के बाद यह ऐलान किया।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने आवास हीन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और उनके प्रथम पीढ़ी के उत्तराधिकारियों को नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत 100 वर्ग मीटर भूमि आवास निर्माण के लिए आवंटित करने की घोषणा की थी, किंतु वर्ष 2014 में शासनादेश के बावजूद जिला प्रशासन ने यह वादा पूरा नहीं किया।
नगर निगम प्रशासन ने 15 लाभार्थियों के लिए चीड़ोवाली में जो भूमि तय की भी वह भी सौ मीटर के बजाय 80 से 85 वर्ग मीटर की भूमि थी।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने रुद्रपुर में घोषणा की थी कि पेंशन की राशि चार से बढाकर 8,000 कर दी जाएगी लेकिन अभी तक इस का शासनादेश तक नहीं हुआ।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संगठन ने उत्तर प्रदेश की ही तरह उत्तराखंड में भी स्वतंत्रता सेनानियों की बेटी के बच्चों को भी 2% क्षैतिज आरक्षण मांग की है।
इसके अलावा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को देहरादून की पुरानी जेल परिसर में आवंटित 2 बीघा भूमि पर स्वतंत्रता सेनानी सदन निर्माण के लिए भूमि पूजन और शिलान्यास प्रदेश के मुख्यमंत्री ने किया था लेकिन अभी तक एमडीडीए ने इस भूमि पर चाहरदीवारी और गेट का निर्माण तक नहीं किया है।
अपनी उपेक्षा से आहत संगठन ने स्वतंत्रता दिवस के दिन होने वाले सभी कार्यक्रमों के बहिष्कार का ऐलान किया है।