लंग्स पावर से अधिक वर्ल्ड (शब्द) पावर” ज्यादा मायने रखते हैं: मुन्ना सिंह चौहान
शशि भूषण मैठाणी को मिला बेस्ट यूथ मोटिवेटर अवार्ड
राजीनीति से विमुख होती युवा पीढ़ी को सक्रिय व सकारात्मक राजनीति से जोड़ने के अलावा युवाओं में संसदीय गतिविधियों में विश्वास जगाने के उद्देश्य से देहरादून में चार दिवसीय युवा विधानसभा के सत्र का शुभारंभ आज कचहरी स्थित संघ भवन में युवा आह्वाहन संस्था के तत्वावधान में किया गया । सत्र का शुभारंभ भाजपा नेता व विधायक मुन्ना सिंह चौहान द्वारा किया गया । उत्तराखंड युवा विधानसभा का सत्र अगले 4 चार दिनों तक चलेगा।
सत्र शुभारम्भ के पश्चात उत्तराखंड विधानसभा सदस्य मुन्ना सिंह चौहान ने सदन को संबोधित करते हुए सबसे पहले सदन के सदस्यों को सदन की गरिमा व नियमों की विस्तार से जानकारी दी । साथ ही उन्होंने कहा कि सदन में मौजूद सदस्य सिर्फ एक व्यक्ति मात्र नहीं होता है बल्कि वह हजारों लाखों लोगों के प्रतिनिधि के तौर पर सदन में मौजूद होता है । श्री चौहान ने आगे कहा कि सबसे पहले हमें सदन की गरिमा के अनुरूप ही अपने आचरण को ढालना होगा। सदन में सदस्य द्वारा कही हुई बात सामान्य नहीं होती वह रिकार्ड में जाती है जो कि आने वाली पीढ़ियों को हस्तांतरित होती है । इसलिए प्रत्येक जन-प्रतिनिधि को अपनी बोली गई बात की डिलिबरी पर विशेष ध्यान देना चाहिए । उन्होंने देश के तत्कालीन दिवंगत प्रधानमंत्रियों में पी. बी. नरसिम्हा राव, चंद्र शेखर, व अटल बिहारी बाजपई सहित पंडित जवाहर लाल नेहरू का जिक्र करते हुए कहा कि यह हमारे देश के सदन की धरोहरें रहीं हैं जिनसे आने वाली कई पीढ़ियों को सीख मिलेगी।
साथ ही उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि आजकल तो अधिकांश सद्स्यों का जोर सिर्फ टेबल बजाने माईक उखाड़ने , नारेबाजी करना व चिल्लाने तक सीमित है । श्री चौहान ने कहा कि हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि “लंग्स पावर से अधिक वर्ल्ड (शब्द) पावर” ज्यादा मायने रखते हैं। आपके शब्द सदन की कार्रवाई के रिकार्ड में जाते हैं जबकि चिल्लाना माईक उखाड़ना सब व्यर्थ जाता है । इसलिए सदन में मिलने वाला कीमती समय और उसकी गरिमा को देखते हुए हमें पूरी तैयारी के साथ सदन में पहुंचना चाहिए।
मुख्य वक्ता के तौर पर शिक्षाविद सुशील कुमार सिंह ने नागरिक प्रशासन व कानून की बारीकियों को सदन में मौजूद सदस्यों को समझाई । पूर्व आई ए एस , एस. एस. पांगती ने शासन व प्रशासन की भूमिका पर विस्तार से अपना व्याख्यान दिया। इस मौके पर उत्तराखंड के विभिन्न मुद्दों पर अपनी आवाज बुलंद करने वाले प्रकाश थपलियाल, रघुवीर बिष्ट, समाजसेवी शशि भूषण मैठाणी, ललित जोशी ने भी अपने विचार व्यक्त किये । सभा संचालन सौरभ ममगाईं व अंकित बिष्ट द्वारा किया गया।
युवाओं के बीच सक्रिय शशि भूषण मैठाणी व ललित जोशी प्रदत्त किया गया युवा आह्वाहन सम्मान 2018
कार्यक्रम में रंगोली आंदोलन व यूथ आइकॉन के संस्थापक समाजसेवी शशि भूषण मैठाणी को बेस्ट यूथ मोटिवेटर अवार्ड प्रदान किया गया। शशि भूषण मैठाणी वर्ष 1992 से युवा उत्थान के कार्यो में लगे हैं उनके नाम उत्तर प्रदेश में सबसे कम उम्र के शिक्षक होने का भी का भी खिताब है और वर्ष 1995 में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल मोती लाल बोरा द्वारा उन्हें पारस नाम से भी अलंकृत किया गया था । शशि भूषण ने 1992 से 2000 तक 28 राजकीय बालिका इंटर कॉलेजों में आमंत्रित शिक्षक के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं और वर्तमान में रंगोली आंदोलन एवं यूथ आइकॉन के बैनर तले युवाओं के मार्गदर्शन में लगे हैं। इसी तरह युवा ललित जोशी ने पूरे प्रदेश भर नशे के खिलाफ अपना एक विशेष आंदोलन छेड़ा है और अभी तक 10 हजार से अधिक युवाओं को वह नशा न करने शपथ दिला चुके हैं। ललित जोशी ने गढ़वाल और कुमायूं के लगभग सभी स्कूलों में कार्यक्रम नशामुक्ति अभियान के तहत दिए हैं यह उनके नाम एक रिकार्ड भी है। जिसके आज उत्तराखंड युवा विधानसभा के प्रथम दिवस के मौके पर दोनों युवा समाजसेवियों को उनके विशेष योगदान के लिए सम्मानित भी किया गया है।
सदन में सर्व सम्मति से अध्यक्ष चुने गए टिहरी से विनोद बगियाल।
सत्र के पहले दिन उत्तराखंड के सभी विधानसभा क्षेत्रों से 70 (डमी) विधायकों को लंबी प्रक्रिया के बाद चुना गया है। संस्था प्रमुख प्रकाश गौड़ ने बताया यह प्रक्रिया बीते एक महीने से चल रही थी जिसमें विधायक हेतु कुल 767 युवाओं ने आवेदन किया था, साक्षात्कार के बाद प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से एक एक विधायक को चुना गया है । जो कि उक्त सत्र में प्रतिभाग कर रहे हैं। विधायकों को दो पक्ष और विपक्ष दो खेमों में बांटा गया है । विधानसभा अध्यक्ष पद हेतु के लिए सर्वसम्मति से टिहरी से विनोद बगियाल को चुना गया।