कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से नगर पालिकाओं और नगर निगमों में आरक्षण की प्रक्रिया 15 अक्टूबर तक पूरी करने के बाद चुनाव आयोग से एक सप्ताह के भीतर चुनाव प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिए हैं।
मामले के अनुसार उत्तराखण्ड हाई कोर्ट की एकलपीठ ने 25 मई 2018 को राज्य सरकार द्वारा 11 मई 2018 को जारी नगर निगमो के आरक्षण से सबंधित नोटिफिकेशन को निरस्त कर दिया था।
इसके खिलाफ राज्य सरकार ने खण्डपीठ में विशेष अपील दायर की थी । इस मामले की सुनवाई के दौरान एकलपीठ ने सरकार को निर्देश दिए थे कि आरक्षण और परिसीमन सम्बंधित नोटिफिकेशन को एक साथ नए सिरे से जारी किया जाए। सुनवाई के दौरान महाधिक्वता ने खण्डपीठ को बताया कि नगर निगम रुड़की के आरक्षण को लेकर भ्रम है, जबकि शेष नगर निगमों के आरक्षण की प्रक्रिया 15 अक्टूबर तक पूरी कर ली जाएगी।
इस आधार पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खण्डपीठ ने राज्य चुनाव आयोग को निर्देश दिए है कि वो नगर निकायों के चुनाव प्रक्रिया को सात दिन के भीतर शुरू करें।
खण्डपीठ ने महाधिवक्ता की सहमति पर रुड़की नगर निगम के आरक्षण की प्रक्रिया शीघ्र सम्पन्न करने को भी कहा है। उसके बाद चुनाव प्रक्रिया शुरू करते हुए भारतीय संविधान के अनुछेद 243आर और 243यू और यू.पी.म्युनिसिपल कारपोरेशन एक्ट 1959 के अनुसार नगर पालिकाओं के कार्यकाल समाप्त होने से पूर्व ही चुनाव हो जाने चाहिए थे। इसके अलावा महाअधिक्वता ने खण्डपीठ को ये भी बताया कि राज्य की 39 नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के आरक्षण की प्रक्रिया पहले ही तय हो चुकी हैं और श्रीनगर और बाजपुर की नगर पालिकाओं के आरक्षण की प्रक्रिया शीघ्र पूरी कर ली जाएगी। महाधिक्वता के इस वक्तव्य के आधार पर खण्डपीठ ने सरकार की विशेष अपीलों को निस्तारित कर दिया है।