कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखण्ड के गदरपुर में दिव्यांग खिलाड़ियों के कैम्प में सरकार ने कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई है। ईश्वर के न्याय को सह रहे इन दिव्यांगों को एक बार फिर स्वार्थी मनुष्य के अत्याचार का शिकार बनना पड़ा। स्थानीय लोग खाना खिलाकर इन विशेष लोगों का पेट भर रहे हैं।
देखिए वीडियो
खेल मंत्री का कहना है कि कार्यवाही होगी। उधम सिंह नगर जिले के गदरपुर में दिव्यांग खिलाड़ी को राष्ट्रीय खेलकूद प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए कैम्प चलाया जा रहा है। लेकिन आरोप है कि इन विशेष खिलाड़ियों को 5 अक्टूबर से शुरू हुए कैम्प में रहने के अलावा कोई दूसरी सुविधा नहीं दी जा रही है। खिलाड़ियों ने आरोप लगाया है कि यहां इन सिटिंग वॉली बॉल के दिव्यांग खिलाड़ियों को सिखाने के लिए कोई कोच भी नहीं है और इन्हें स्थानीय लोग ही सिखा रहे हैं ।
दरअसल उत्तराखंड पैरा ओलंपिक एसोसिएशन ने गदरपुर के गूलरभोज स्थित जलाशय के समीप पैरा सिटिंग वॉलीबॉल के खिलाड़ियों के रहने की व्यवस्था की है। यहीं के मैदान में ये खिलाड़ी प्रैक्टिस भी कर रहे हैं।
टीम कप्तान भुवन चंद्र ने आरोप लगाया है कि उन्हें इस राज्य स्तर के कैम्प में ठहरने के अलावा कोई दूसरी सुविधा नहीं दी गई है। आप तस्वीरों में साफ देख सकते हैं किस तरह से एक दूसरे की मदद कर ये दिव्यांग अपना काम जैसे तैसे चला रहे हैं। इन दिव्यांग खिलाड़ियों को बाल कल्याण, समाज कल्याण और खेलकूद विभाग जैसे किसी भी विभाग की तरफ से कोई सुविधा नहीं दी गई है।
भुवन चंद्र कहा कि इन बेसहारा पैरा ओलंपिक खिलाड़ियों की देखरेख स्थानीय खिलाड़ी और समाजसेवी कर रहे हैं। वो चाहते हैं कि येे खिलाड़ी अपनी बेहतरीन प्रतिभा का प्रदर्शन कर राज्य को गौरवान्वित करें।
हैरानी की बात ये है कि खेल एवं युवा कल्याण मंत्री अरविंद पांडे केे आवास से महज एक किलोमीटर दूर चल रही इन अव्यवस्थाओं की जानकारी मंत्री जी को नहीं थी। जब उन्हें इसके बारे में बताया गया तो उन्होंने कहा कि अब वो अपने अधिकारियों से
सुविधाएं जुटाने को कहेंगे।