उत्तराखंड के 18 वर्षों के इतिहास में नैनीताल हाईकोर्ट के कोई जज यदि लम्बे समय तक याद किए जाएँगे तो वे निवर्तमान कार्यकारी जस्टिस राजीव शर्मा हैं, जिन्होंने बहुत कम समय में उत्तराखंड में रिकार्ड जनहित याचिकाएँ सुनकर ऐसे फ़ैसले दिए कि जनता का न्याय पालिका पर ज़बरदस्त विश्वास बढ़ा। उनके फ़ैसलों के बाद पहली बार विधायिका और कार्यपालिका धरातल पर काम करती दिखाई दी।
जस्टिस राजीव शर्मा के त्वरित फ़ैसलों ने पूरे प्रदेश सहित देहरादून में सफ़ाई व्यवस्था से लेकर निकाय चुनाव ,अतिक्रमण ,शिक्षा ,स्वास्थ्य ,पेयजल ,क़ानून ब्यावस्था ,उत्तराखंड के प्रत्येक जिले से नैनीताल के लिए बस सेवा का आदेश ताकि हर कोई अपनी फ़रियाद हाई कोर्ट तक पहुँचा सके के आदेश दिए।
ये जस्टिस राजीव शर्मा की हिम्मत ही थी कि उत्तराखंड में धरातल पर परिवर्तन दिखाई पड़े और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी को देश के क़ानून मंत्री तक जाने की नौबत आ गयी।
जस्टिस शर्मा के लोकप्रिय फ़ैसलों से पूर्व जज तथा पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा भी बौखला गए थे। बहुत कम समय में जस्टिस राजीव शर्मा द्वारा छोड़ी गयी छाप के बाद आज उत्तराखंड के चीफ़ जस्टिस बने रमेश रंगनाथन से भी उत्तराखंड के ग़रीब गुर्बों को आशा है कि उन्हें उसी प्रकार त्वरित न्याय मिलता रहेगा। जस्टिस रमेश रंगनाथन इससे पहले तेलंगाना और आन्ध्र प्रदेश में सेवा दे चुके हैं।