10 दिन पहले अटल बिहारी वाजपेई की जयंती पर उत्तराखंड में जोर-शोर से शुरू की गई अटल आयुष्मान योजना की पहली धज्जी उत्तराखंड सरकार के काबीना मंत्री स्तर के आरके जैन के सी एम आई अस्पताल में तब उड़ी जब अस्पताल में आयुष्मान योजना के अंतर्गत इलाज से मना कर दिया और मरीज से जमकर पैसे लिए।
मरीज कोई सामान्य व्यक्ति नहीं बल्कि राज्य के वरिष्ठ आंदोलनकारी श्रीमती शकुंतला नेगी है।
घर पर चोटिल होने के बाद जब शकुंतला देवी अपने को ले के इलाज के लिए सीएमआई अस्पताल पहुंची तो अस्पताल प्रशासन ने आयुष्मान कार्ड से इलाज करने से मना कर दिया कि यदि उन्हें उस योजना से इलाज करवाना है तो पहले सरकारी अस्पताल से रेफर होकर आएं।
सरकारी दावों के अनुसार आयुष्मान योजना के अंतर्गत इमरजेंसी में मरीजों को निजी अस्पतालों में भी भर्ती करने का प्रावधान है, किंतु सीएमआई ने ऐसा नहीं किया बाद में मरीज को बताया गया कि आयुष्मान योजना से यदि वे कूल्हा बदल जाते हैं तो वह घटिया क्वालिटी का होगा।
मरीज ने अस्पताल द्वारा किए गए इस दुर्व्यवहार के बाद अस्पताल द्वारा मांगी गई मुंह मांगी रकम देकर अपना इलाज करवाया। जब अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के अस्पताल में आयुष्मान योजना की आयुष्मान यह हालत है तो समझना कठिन नहीं है कि इस योजना का धरातल पर उतरना कितना कठिन होगा ! देखना है कि उत्तराखंड सरकार अब जैन एंड कंपनी के खिलाफ क्या एक्शन लेती है !!