अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन पर डट एक कर्मचारी संगठनों के साथ आखिर सरकार ने एक बैठक रखी तथा आश्वासन दिया कि सरकार कर्मचारियों की मांगों के हित में है और उनके प्रति सरकार की पूरी संवेदनशीलता है
वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि कल कैबिनेट में सभी मांगों को रखा जाएगा सच वाले संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि सरकार अपनी सहमति व्यक्त की है तथा आयुष्मान योजना में संशोधन जैसी कई मांगे ऐसी हैं जिन्हें कैबिनेट में लाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी ऐसी कुछ मांगे तुरंत ही पूरी कर दी जाएंगी तथा कुछ मांगों के लिए सरकार ने समय दिए जाने की गुजारिश की है
प्रदेशभर में आज प्रमुख रूप से 10 सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार रखा सचिवालय में भी हाजिरी लगाने के बाद राजकाज से विरत रहे
कर्मचारियों की आवास भत्ता, एसीपी, पदोन्नति में शिथिलता जैसी कई प्रमुख माँग है।
कर्मचारी आज नो वर्क-नो पे सख्ती से लागू होने के बावजूद अवकाश पर रहे।
देहरादून मे हड़ताली कर्मचारियों के साथ वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने वार्ता की।सचिवालय में वित्त मंत्री कर रहे है कर्मचारियों से कहा कि सरकार कर्मचारियों के साथ है।
कर्मचारी संघठनों की प्रमुख मांगें
मकान किराए भत्ते की देयता 8, 12 और 16% के अनुरूप मंजूर करते हुए अन्य देय भत्तों में बढ़ोतरी की जाए।
राज्य निगम कर्मचारियों के वर्तमान में लागू एसीपी की व्यवस्था के स्थान पर पूर्व व्यवस्था के अनुरूप 10 साल, 16 साल और 26 साल की सेवा पर प्रोन्नत वेतनमान दिया जाए।
ऊर्जा निगम में पूर्व व्यवस्था 9, 14 और 19 वर्ष पर वेतन मैट्रिक्स के आधार पर एसीपी दी जाए।
सभी शिक्षकों को पूरे सेवाकाल में 3 प्रोन्नति और तीन एसीपी का लाभ अनिवार्य किया जाए।
प्रदेश में राज्य कर्मियों के पक्ष में जारी होने वाले शासनादेशों को एक समान रूप से सभी निगम, निकाय, संस्थान, प्राधिकरण में लागू किया जाए।
शिथिलीकरण नियमावली 2010 को पूर्व की तरह लागू किया जाए।
नई पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए।
आयुष्मान योजना के तहत आने वाले सभी कार्मिकों को सरकारी चिकित्सालय से रेफर होने की अनिवार्यता की बाध्यता खत्म कर एक समान नीति को लागू किया जाए।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को अन्य वर्गों की तरह स्टाफिंग पैटर्न का लाभ देते हुए ग्रेड वेतन 4200 का लाभ दिया जाए।
राजकीय वाहन चालकों को स्टाफिंग पैटर्न के प्रथम स्तर ग्रेड वेतन 2400 को नजरअंदाज कर 2800, 4200 और 4500 को मंजूर किया जाए
एक जनवरी 2006 या उसके बाद सीधी भर्ती या पदोन्नति पर कर्मचारियों के शुरूआती वेतन का निर्धारण वित्त विभाग के ताजा शासनादेश के आधार पर हो।
आउटसोर्स कर्मियों को समान कार्य के अनुरूप समान वेतन दिया जाए