उत्तराखंड सरकार ने भी उत्तराखंड में सरकारी नौकरियों में सवर्णों के लिए 10% आरक्षण व्यवस्था लागू कर दी है। अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी ने 6 फरवरी को शासन के सभी अफसरों को बता दिया है कि अब समस्त विभागों के स्तर से प्रेषित किए जाने वाले अधियाचन और प्रकाशित किए जाने वाले विज्ञापन प्रेषित किए जाने से पूर्व कार्मिक विभाग का परामर्श प्राप्त करना होगा ताकि आवश्यक दिशा निर्देश दिए जा सकें।
गौरतलब है कि आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को 10% आरक्षण प्रदान किए जाने के लिए संविधान संशोधन के बाद उत्तराखंड ने भी इसे लागू कर दिया है। आइए जानते हैं कौन से लोग इसके दायरे में होंगे
आरक्षण उत्तराखंड के कुल स्थाई निवासियों को ही प्राप्त होगा जो पहले से अनुसूचित जाति जन जाति अथवा पिछले वर्ग जैसे किसी आरक्षण की मौजूदा योजना में सम्मिलित नहीं हैं। इसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के ऐसे लोग होंगे, जिनके परिवारों की समस्त स्रोतों से कुल वार्षिक आय ₹8लाख से भी कम होगी। यह आय लाभार्थी द्वारा आवेदन के वर्ष से पूर्व वित्तीय वर्ष के लिए आय होगी।
वे लोग आरक्षण के पात्र नहीं होंगे, जिनके पास कृषि भूमि 5 एकड़ या उससे अधिक है।
वे भी नही जिनके पास आवासीय भवन हजार वर्ग फुट या उससे अधिक है।
जिनके पास नगर पालिका क्षेत्र में 100 वर्ग गज या उससे अधिक का आवासीय भूखंड है, वह भी पात्र नहीं होंगे।
जिनके पास नगर पालिका क्षेत्र के अलावा 200 वर्ग गज या उससे अधिक का भूखंड हो वह भी पात्र नहीं होंगे।
संपत्ति के संबंध में प्रमाण पत्र तहसीलदार स्तर के अधिकारी द्वारा जारी किया हुआ मान्य होगा।
यह आरक्षण मृतक आश्रित अथवा शहीद सैनिकों के आश्रितों द्वारा प्राप्त की जाने वाली अनुकंपा आधारित नियुक्तियों पर लागू नहीं होगा।
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