पर्वतजन
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • टेक
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • टेक
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
पर्वतजन
No Result
View All Result
Home पर्वतजन

शिकारियों के निशाने पर कार्बेट

March 8, 2017
in पर्वतजन
ShareShareShare

Advertisement
ADVERTISEMENT

कार्बेट के जंगलों में बाबरिया गिरोह के दस्तक के बाद चौकन्ना हुआ वन विभाग। शिकारियों को देखते ही गोली मारने के आदेश

जगमोहन रौतेला

shikariyo-ke-nishane-par-carbet

बाघ व हाथियों के वास के लिए प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान (पार्क) में वैसे तो वन्य जीवों की सुरक्षा के कड़े प्रबंध हैं, लेकिन इसके बाद भी वहां बाघ व हाथियों के शिकार की घटनाएं जब-तब होते रहती हैं। बाघों का शिकार उनकी खाल, दांत व नाखूनों के लिए किया जाता है तो हाथी उनके बेशकीमती दांतों के लिए मारे जाते हैं। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बाद भी कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान इन दिनों एक बार फिर से शिकारियों के निशाने पर है। गत 21 फरवरी 2017 को उद्यान प्रशासन को वन्य जीवों के शिकार के लिए कुख्यात बावरिया गिरोह के कार्बेट उद्यान में घुसने की खबर लगी। जिसके बाद पार्क प्रशासन ने जहां एक ओर शिकारियों को पकडऩे के लिए विशेष अभियान प्रारम्भ किया तो वहीं शिकारियों को देखते ही गोली मारने के आदेश भी जारी किए।
कार्बेट पार्क का उत्तर प्रदेश की सीमा से लगा दक्षिणी हिस्सा शिकारियों के लिहाज से बेहद संवेदनशील माना जाता है। पार्क के निदेशक के अनुसार अगले कुछ दिनों तक यह आदेश प्रभावी रहेगा। इसके लिए पार्क में ‘रेड अलर्टÓ भी जारी किया गया है। गत मार्च 2016 में हरिद्वार में पुलिस ने बाघ की पांच खालों के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया था, जिन्होंने पूछताछ में स्वीकार किया था कि खालें कॉर्बेट पार्क के बाघों की हैं। इससे पहले भी 2007 में पार्क के बिजरानी रेंज में शिकारी दरिया को पकड़ा गया था। शिकारियों ने 2009 में पार्क की दक्षिणी सीमा से घुसपैठ की थी, लेकिन पार्क के सुरक्षा कर्मियों की मुस्तैदी के कारण उन्हें भागना पड़ा था।
वर्ष 2011 में सात लोगों को बाघ की खाल के साथ गिरफ्तार किया गया था। बिजरानी रेंज में मई 2012 में भी शिकारियों ने कॉर्बेट पार्क में घुसकर एक बाघ का शिकार किया था। तब पार्क के सुरक्षा कर्मियों ने मारे गए बाघ का मांस बरामद किया था। इसी साल सात शिकारियों को बाघिन की हत्या के आरोप में पकड़ा गया था।
पार्क की दक्षिणी सीमा के साहूवाला क्षेत्र से 2013 में भी शिकारियों ने घुसपैठ की कोशिश की थी। इसके बाद दिसम्बर 2013 में ही पार्क के सीमावर्ती क्षेत्र अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में भी दो बाघों को शिकारियों ने मार डाला था। जिसके बाद 12 शिकारियों को बाघों के शिकार के आरोप में पकड़ा गया था। पार्क के झिरना रेंज में भी 2014 में दो शिकारियों को पकड़ा गया था। गत 4 फरवरी 2017 को देहरादून पुलिस ने पॉश इलाके ओल्ड सर्वे रोड में दो लोगों को तेंदुओं की दो खालों के साथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद 21 फरवरी 2017 को भी एसओजी की टीम ने टनकपुर भी तेंदुए की तीन खालों के साथ एक युवक को पकड़ा था। ये खालें 9 से 9.6 फुट तक लम्बी थी। हालांकि इन तेंदुओं का शिकार कार्बेट पार्क से नहीं किया गया था, पर इससे यह पता चलता है कि वन्य जीवों, विशेषकर बाघ, तेंदुओं के शिकार के लिए उत्तराखंड के जंगल बहुत ही संवेदनशील हैं।
उत्तराखंड में वन्य जीवों के शिकार के मामले में संसार चंद सबसे कुख्यात नाम रहा है। जिसने अपनी गिरफ्तारी के बाद स्वीकार किया था कि उसने 2, 130 तेंदुओं और 470 बाघों की हत्या की थी। वह इनकी हत्या करके खाल, दांत व नाखून नेपाल व चीन बेचता था। वह अपने व बावरिया गिरोह के माध्यम से बाघ व तेंदुओं का शिकार करता था।
वह कितनी निर्ममता से शिकार करता था, उसका अंदाजा इस बात से लगता है कि उसने अक्टूबर 2003 से सितम्बर 2004 के दौरान लगभग सालभर के अंदर 40 बाघों और एक सौ से ऊपर तेंदुओं की हत्या की थी। वन्य जीवों की हत्या के मामले में उसका आतंक इतना बढ़ गया था कि उसकी गिरफ्तारी के बाद उसकी अपराधिक दुनिया के संबंधों को जानने के लिए सीबीआई की जांच करवाई गई थी। सीबीआई की जांच में ही उसके कारनामों का खुलासा हुआ था। जेल में बंद रहने के दौरान ही 2014 में उसकी कैंसर से मौत हो गई थी।
कॉर्बेट पार्क 12.88 वर्ग किलोमीटर में फैला है और इसकी दक्षिणी सीमा उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले से मिली हुई है। दूसरे राज्य की सीमा होने के कारण बावरिया गिरोह के शिकारियों के लिए वहां से घुसपैठ करना बेहद आसान होता है। इसी वजह से कार्बेट पार्क प्रशासन को जब पार्क के दक्षिणी सीमा में बावरिया गिरोह के हलचल की सूचना मिली तो उसने तुरंत ही पार्क के वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए रेड अलर्ट जारी करने के साथ ही वन विभाग के 150 कर्मचारियों के एक दस्ते को गिरोह की निगरानी करने के लिए तैनात कर दिया और शिकारियों की खोज के लिए विशेष सर्च अभियान भी चलाया जा रहा है। जिसमें पार्क के निदेशक सहित कई उच्चाधिकारी शामिल हैं। शिकारियों पर नजर रखने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में 388 कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं। पार्क प्रशासन ने आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में मुनादी करवा कर ग्रामीणों से कहा है कि वे लड़की बीनने व पालतू जानवरों को लेकर पार्क की सीमा में प्रवेश न करें और पार्क के कोर जोन में तो बिल्कुल भी न जाएं। शिकारियों को देखते ही गोली मारने के आदेश के तहत ऐसा किया गया है, ताकि शिकारियों के धोखे में कोई निरपराध ग्रामीण किसी अनहोनी का शिकार न हो।


Previous Post

बहुगुणा के कंधे पर आपदा का बेताल

Next Post

जौनसार बावर सामाजिक रूढिय़ों से जूझता लोकतंत्र

Next Post

जौनसार बावर सामाजिक रूढिय़ों से जूझता लोकतंत्र

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *






पर्वतजन पिछले २3 सालों से उत्तराखंड के हर एक बड़े मुद्दे को खबरों के माध्यम से आप तक पहुँचाता आ रहा हैं |  पर्वतजन हर रोज ब्रेकिंग खबरों को सबसे पहले आप तक पहुंचाता हैं | पर्वतजन वो दिखाता हैं जो दूसरे छुपाना चाहते हैं | अपना प्यार और साथ बनाये रखिए |
  • June 2025 की Top 5 Best-Selling 7-Seater Cars: Ertiga, Scorpio, Innova – जानें कौन रही No.1
  • Loan की EMI चूकने पर कैसे सुधारें CIBIL SCORE? जानिए 5 आसान तरीके
  • अजब-गजब: प्रधानमंत्री पोषण योजना में करोड़ों का घोटाला। आउटसोर्स कर्मचारी के खाते में पहुंचा सरकारी पैसा..
  • गुंडागर्दी: पर्यटकों ने पुलिस से की अभद्रता। वीडियो वायरल करने की दी धमकी ..
  • बड़ी खबर: दून में यहां 23 जुलाई तक बंद रहेंगे स्कूल। आदेश जारी..
  • उत्तराखंड
  • टेक
  • पर्वतजन
  • मौसम
  • वेल्थ
  • सरकारी नौकरी
  • हेल्थ
July 2025
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
28293031  
« Jun    

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • टेक
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

error: Content is protected !!