उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा सिर्फ कांग्रेस के प्रत्याशियों से ही नहीं लड़ रही, बल्कि अपनों से भी सीधी लड़ाई लड़ रही है।
लोकसभा चुनाव की इस दंगल में भाजपा के दिग्गज आपस में ही एक-दूसरे को निपटाने में लगे हुए हैं। इसका बड़ा उदाहरण पिछले दिनों अजय भट्ट को साइड लाइन किए जाने के रूप में देखने को मिला तो आज पौड़ी लोकसभा के कोटद्वार में गृहमंत्री राजनाथ सिंह की सभा के दौरान अनिल बलूनी को पोस्टर बैनरों से गायब कर दिया गया।
अनिल बलूनी का नाम पोस्टर बैनरों से गायब होने के कारण कोटद्वार में पार्टी के अंदर ही कार्यकर्ताओं में जंग छिड़ गई है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि बलूनी की फोटो जानबूझकर हटाई गई है।
गौरतलब है कि बलूनी कोटद्वार के ही रहने वाले हैं और उत्तराखंड के राज्यसभा सांसद होने के साथ-साथ आज उत्तराखंड में भाजपा का केंद्र में सबसे बड़ा चेहरा बनकर उभरे हैं। ऐसे में अपने क्षेत्र मे ही उनको इस तरह से गायब कर दिए जाने के कारण पार्टी में अंतरकलह तेज हो गया है।
पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना उत्तराखंड में डबल इंजन लगानेेे का काम अनिल बलूनी ने ही किया है। एक तरफ भाजपा उनके उनकेे कार्यों को अपनी उपलब्धि के रूप मे प्रसारित कर रही है, वहीं उनको जानबूझकर राजनीतिक रुप सेेेे दरकिनार किया जा रहा है।
वहीं कुछ दिन पहले अजय भट्ट को भी इसी तरह से साइड लाइन कर दिया गया था। पहले प्रदेश अध्यक्ष के कार्यालय से उनकी फोटो हटा दी गई, फिर उनके कार्यालय कक्ष के बाहर से उनकी नेम प्लेट भी हटा दी गई थी।
जब मीडिया में कार्यकर्ताओं का रोष बढ़ने लगा तो चुनाव में नुकसान की आहट मिलते ही नेम प्लेट दोबारा लगा दी गई। इसके बाद फिर से “मैं भी चौकीदार” नामक कार्यक्रम के बैनर पोस्टरों से प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का फोटो और नाम गायब कर दिया गया।
सवाल यह है कि आज प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी उत्तराखंड में भाजपा के सर्वोच्च नेताओं में शुमार हैं तो भला आखिर इन दोनों नेताओं से किसको अपनी राजनीति खतरे में नजर आ रही है ! इसको लेकर भाजपा के अंदर अंतरकलह और आक्रोश तेज होने लगा है।