आज दिनांक 10 अप्रैल को विश्व होम्योपैथिक दिवस पर निदेशालय, होम्योपैथिक चिकित्सा सेवाएं के हॉल में डॉ हैनीमैन का जन्मदिवस मनाया गया।इस अवसर पर निदेशक डॉ राजेन्द्र सिंह ने उनके मूर्ति पर माल्यार्पण कर होमियोपैथी के विकास में सबको मिलकर आगे चलने को कहा एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार इसे विश्व की द्वितीय सर्वश्रेस्ठ चिकित्सा पद्वति बताया। उन्होंने बताया कि होमियोपैथी के चिकित्सक विश्व के 82 देशों में चिकित्साभ्यास कर रहे एवं 60 देशों में होमियोपैथी को अल्टरनेटिव चिकित्सा पद्वति के रूप में अपनाया जा रहा। निदेशक ने बताया कि उत्तराखंड के राजकीय चिकित्सालयों में इस वर्ष 13 लाख 43 हज़ार 5 सौ मरीजों ने होमियोपैथी चिकित्सा से इलाज कराया। इसके अलावा होम्योपैथिक विभाग द्वारा दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार होम्योपैथिक चिकित्सा शिविर लगाए जा रहे,जिससे आम जनमानस को इस चिकित्सा पद्वति का लाभ मिल रहा एवं जनता द्वारा बार बार इस तरह के कैम्प लगाने की मांग की जा रही। जन्म दिवस के अवसर पर उप निदेशक डॉ कमलजीत सिंह ने भी माला पहनाकर महात्मा हैनीमैन को प्रणाम कर होमियोपैथी को बच्चों,महिलाओं एवं बुजुर्गों के लिए सबसे सरल,सस्ती एवं सुरक्षित चिकित्सा पद्वति बताया तथा होमियोपैथी चिकित्सा पद्वति को विश्व मे सबसे तेज़ बढ़ती हुई चिकित्सा पद्वति बताया जो कि इसे पिछले 10 वर्षों में प्रतिवर्ष लगभग 7.5 प्रतिशत वृद्धि दर बताया।
रजिस्ट्रार डॉ शैलेन्द्र पांडेय ने भी महात्मा के मूर्ति पर माल्यार्पण कर बताया कि विश्व मे लगभग 800 मिलियन से अधिक जनसंख्या होम्योपैथिक चिकित्सा का लाभ ले रही है,जिसमे से 25% जनसंख्या भारत मे एवं 30% लोग यूरोप में होमियोपैथी चिकित्सा से लाभ ले रहे।इस अवसर पर कार्यालय के कर्मचारी गण पीएस सुनील जीना, सुरेश तिवारी,सुरेश भट्ट ,सचिन कोटनाला,बबिता आदि उपस्थित रहे।