बाजपुर एसडीएम तीरथ पाल को बनाया गया आरोपी, निलंबित नगन्याल अन्य मामलों में भी पाए गए दोषी
ऊधमसिंह नगर जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग 74 चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहण की गई भूमि के मुआवजे आवंटन में एक और एसडीएम तीरथ पाल इस घोटाले में फंस गए हैं। कुमाऊं कमिश्नर डी सेंथिल पांडियन की ओर से सौंपी गई अनुपूरक जांच में बाजपुर के एसडीएम तीरथ पाल भी इसमें संलिप्त पाए गए। उन पर कृषक भूमि को अकृषक दिखाने का आरोप है। जांच अधिकारी व कमिश्नर कुमाऊं ने जांच बाजपुर के पूर्व एसडीएम तीरथ पाल को दोषी पाया है। जांच में यह बात सामने आई कि उन्होंने बैकडेट में कृषि भूमि को अकृषि दिखाया। इससे सरकार को तकरीबन 20 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ। जांच अधिकारी ने उनके खिलाफ भी कार्रवाई की संस्तुति की है। वहीं, जांच में इस घोटाले में पहले से ही निलंबित चल रहे एसडीएम एनएस नगन्याल भी बाजपुर व गदरपुर में भू उपयोग बदलने के 40 से अधिक नए मामलों में दोषी पाए गए हैं। अब उनके खिलाफ इन मामलों को भी चार्जशीट में शामिल करने का अनुरोध किया गया है। सीबीआइ जांच के मद्देनजर मामले से जुड़े सारे दस्तावेज भी अब डबल लॉकर में रख दिए गए हैं ताकि इनसे छेड़छाड़ न की जा सके। प्रदेश के जसपुर, काशीपुर, बाजपुर व सितारगंज तहसील क्षेत्र से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 74 के चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहित की गई भूमि के मुआवजा में तकरीबन 250 करोड़ का घोटाला सामने आ चुका है। इस मामले की सीबीआइ जांच की संस्तुति की जा चुकी है। शुरुआती जांच में 70 करोड़ रुपये का घोटाला होने की पुष्टि हुई थी और 180 करोड़ के घोटाले की आशंका जताई गई थी। सरकार ने इस घोटाले से जुड़े सभी छह अधिकारियों को निलंबित कर उन्हें चार्जशीट जारी कर दी है। इन्हें चार्जशीट मिलने के 15 दिन के भीतर अपना जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि, सातवें सेवानिवृत्त आरोपी पर कार्रवाई के लिए विधिक राय ली जा रही है। हालांकि, इस मामले में शासन स्तर से जांच जारी थी।