घनसाली विधानसभा के उच्च शिक्षा के केन्द्र बालगंगा महाविद्यालय सेंदुल केमर में पिछले लगभग 10 वर्षों से कार्य कर रहे श्री विक्रमलाल जी को नौकरी का झांसा दे कर रात्रिचौकीदार व सफाईकर्मी का काम कराया गया व इतने वर्षों की सेवा के दौरान इनका नाम उपस्तिथि पंजिका तक में दर्ज नहीं करवाया गया। इस दौरान इन्हें वेतन काफी कम व कभी- कभार दिया गया।
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कई वर्ष बीत जाने के बाद जब इनके द्वारा अपनी वेतन व उपस्तिथि पंजिका में नाम अंकित करवाने हेतु कहा गया तो महाविद्यालय प्राचार्य प्रोफेसर शिवदयाल जोशी, प्रबन्धक बालकृष्ण नौटियाल, कोषाध्यक्ष उम्मेद सिंह नेगी व महाविद्यालय वरिष्ठ लिपिक दिनेश मैठाणी ने इन्हें नाम अंकित करने से इन्कार कर दिया और इसके एवज में पांच लाख रुपये की मांग करने लगे।
महाविद्यालय में 10 वर्षों तक बेनाम सेवा देने व 25 माह के बकाया वेतन के बाद आज यह कर्मी खच्चर पाल कर जीवन यापन करने को मजबूर है, जबकि अनेकों शिकायतों के बाद भी महाविद्यालय में अपने चहेतों को पैसों के दम पर नौकरियां बांटी जा रही हैं।
अब देखना यह है कि जीरो टोलरेंस की बात करने वाली भाजपा सरकार में क्या इस गरीब को न्याय मिल पाता है या नहीं ?