अब ये नया ताजातरीन वीडियो देखिए। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस अवधारणा को पुनर्स्थापित किया है कि गाय एक मात्र ऐसा जानवर है, जो आक्सीजन लेती है और आक्सीजन ही छोड़ती है।
देखिए वीडियो
आज कोई भी व्यक्ति मोबाइल निकालकर गूगल कर सकता है कि इसमे कितनी सत्यता है।
विज्ञान कहता है कि सिर्फ पेड़ पौधे ही फोटोसिंथेसिस के माध्यम से आक्सीजन छोड़ते हैं। वनस्पतियों के अलावा सभी जीव जंतु आक्सीजन लेकर कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ते हैं। इसमे एक और तथ्य यह है कि सांस के साथ सभी प्राणी वायुमंडल से जितनी गैसें हवा के साथ ग्रहण करते हैं उसमे 25 प्रतिशत आक्सीजन होती है और उसमे से भी मात्र 4-5% आक्सीजन ही शरीर उपयोग करता है। शेष आक्सीजन अन्य गैसों के साथ बाहर आ जाती है। यह सिर्फ गाय ही नही, सभी प्राणी यही गैस छोड़ते हैं।
इस तथ्य को सिर्फ गाय तक सीमित करना न सिर्फ अंधविश्वास फैलाने की कुचेष्टा है, एक तरह का धार्मिक दुराग्रह भी है।
भारत को यूँ ही सांप सपेरों का देश नही कहा जाता।इस अवधारणा (हाइपोथिसिस) को पुष्ट करने का श्रेय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से लेकर, गरुड़गंगा के पत्थर वाला अचूक नुस्खा बताकर देशव्यापी “गंगलोड़़ू़ू महाराज” के नाम से नवप्रख्यात हुए अजय भट्ट और ‘गणेश थ्योरी’ के उदाहरण से भारत को प्लास्टिक सर्जरी की खोज का जनक साबित करने वाले डा.निशंक तक को जाता है।
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