कमल जगाती, नैनीताल
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्रदेश के आयुर्वेदिक मेडिकल कालेजों द्वारा छात्रों से मनमानी फीस वसूलने के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और 13 आयुष कॉलेजों को नोटिस जारी किया है।
देखिए वीडियो
मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने प्रदेश के 13 आयुर्वेदिक मेडिकल कालेजों को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विजय भट्ट ने बताया कि देहरादून निवासी मोहित उनियाल ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका(पी.आई.एल.)दाखिल कर कहा था कि प्रदेश के आयुर्वेदिक मैडिकल कालेजों ने सत्र 2018-2019 के छात्रों से भी फीस 80 हजार रुपये से बढ़ाकर 2 लाख 15 हजार रूपये वसूले जा रहे हैं । जबकि ये फीस नए शैक्षणिक सत्र 2020-21 और 2021-22 पर लागु होनी थी। कॉलेजों ने इसके बावजूद छात्रों से ये फीस पिछले शैक्षणिक सत्र से वसूलनी शुरू कर दी है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि कालेज को फीस नहीं देने पर उनको कालेज में पढ़ने नही दिया जा रहा है, जिससे उनका पाठ्यक्रम लेट हो रहा है। यही नही, याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि उनका बी.ए.एम.एस.का कोर्स साढ़े चार वर्ष का होता है और कालेजों द्वारा उनसे पाँच वर्ष की फीस जमा करवाई जा रही है।
उन्होंने बताया कि फीस निर्धारण के सम्बन्ध में 29 अप्रैल 2019 को जस्टिस कुलदीप सिंह की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गयी थी, जिसमें कहा गया था कि 2018-19 बैच के छात्रो से 80 हजार फीस निर्धारित की गयी थी और 2020-21 बैच के छात्रो से 2 लाख 15 हजार फीस निर्धारित की गयी थी। बढ़ी हुई फीस से लगभग चार हजार छात्रों के भविष्य पर आर्थिक प्रभाव पड़ रहा है।