धनंजय ढौंडियाल, कृष्णा बिष्ट
लापरवाही का आरोप, परिजनों का हंगामा
तोड़फोड़ अभद्रता के खिलाफ अस्पताल प्रबन्धन दर्ज करवाएगा मुकदमा
राजधानी देहरादून में लगातार बढ़ते डेंगू के मामलों में जहां एक तरफ स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है तो वहीं राज्य में 215 से ऊपर डेंगू के मामले सामने आ चुके हैं हालांकि अब तक राज्य में एक महिला की डेंगू से मौत का मामला सामने आया है जिसे लेकर परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया और तोड़फोड़ की।
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आपको बता दें कि देहरादून के नामी अस्पताल महंत इंद्रेश अस्पताल में देर रात एक महिला का इलाज किया गया जिसके बाद आज सुबह इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। हालांकि अस्पताल प्रशासन की मानें तो उसे पहले भी कई दिक्कतें थी साथ ही अस्पताल प्रशासन ने डेंगू की पुष्टि की है। वहीं परिजनों की मानें तो अस्पताल प्रशासन ने उन्हें कोई भी जानकारी नहीं दी और ना ही उसको सही इलाज दिया गया जिसके बाद उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई है आपको बता दें कि महंत इंद्रेश अस्पताल में भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया है
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में डेंगू से महिला की मौत पर परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया। उन्होंने अस्पताल प्रबन्धन पर लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना था कि मरीज़ की हालत इतनी खराब नहीं थी कि उसकी मौत हो जाती।
वे मरीज़ को कोरनेशन अस्पताल से रैफर कर श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल लेकर आए थे। जबकि अस्पताल प्रबन्धन का कहना है कि लापरवाही की बात सही नहीं है। मरीज़ को बेहद गम्भीर हालत में देर रात अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती करवाया गया था, जब मरीज़ को श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल लाए मरीज़ की प्लेटलेट्स 25,000 थी, उन्हें किडनी व लीवर में इन्फैक्शन होने के साथ ही सांस लेने में भारी परेशानी हो रही थी। मरीज़ को आईसीयू में वेंटीलेटर पर इलाज दिया जा रहा था। मरीज़ को बहुत देर से अस्पताल लाना भी मौत का एक कारण रहा।
अस्पताल प्रबन्धन ने मरीज की मौत के बाद पोस्टमार्टम कराए जाने की बात भी कही ताकि मृत्यु का कारण पता चल सके लेकिन परिजन बिना पोस्टमार्टम करवाए शव को लेकर चले गए।
क्या कहता है अस्पताल प्रबन्धन !
मरीज़ मंजू को अति गम्भीर अवस्था में परिजन देर रात श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की इमरजेंसी में लेकर पहुंचे थे। मरीज़ को कोरनेशन अस्पताल से रैफर कर परिजन इमरजेंसी में लेकर आए थे। मरीज़ को तेज़ बुखार व सांस लेने में भारी परेशानी हो रही थी। जब मरीज़ को लेकर अस्पताल पहुंचे तो प्लेटलेट्स काउंट 25000 था। मरीज़ ने हाई रिस्क कंसेंट साइन किया व मरीज़ को हर सम्भव उपचार दिया गया।
इलाज में लापरवाही की बात सही नहीं है। मरीज़ को अस्पताल में लाते ही वेंटीलेटर पर रखा गया। उपचार के दौरान मरीज़ ने दम तोड़ दिया। मरीज़ की प्रारम्भिक जांचों में यह बात सामने आई है कि मरीज़ को लीवर व किडनी सम्बन्धित परेशानी भी थी। परिजन मरीज़ को उपचार के लिए बहुत देर हो जाने पर अस्पताल लेकर पहुंचे। जिन लोगों ने अस्पताल में तोड़फोड़ की व डाॅक्टरों के साथ धक्कामुक्की व अभद्रता की है उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।