अनुसूचित जाति की झाड़ू पोछा करने वाली विधवा महिला के परिवार के हिस्से का राशन हड़प रहा था सरकारी डीलर
भूपेंद्र कुमार
राजीव नगर निवासी विधवा प्रमिला के हिस्से का राशन सरकारी राशन डीलर द्वारा हड़पे जाने के मामले में मानवाधिकार आयोग ने जिलाधिकारी देहरादून एवं जिला खाद्य पूर्ति अधिकारी से चार सप्ताह में उक्त प्रकरण पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।
प्रमिला ने सरकारी राशन डीलर पर उनके हिस्से का राशन हड़पने का आरोप लगाया है। हताश होकर महिला ने मानवाधिकार कार्यकर्ता भूपेंद्र कुमार को चिट्ठी लिखकर जब अपनी समस्या बताई तो वह भी इस पर हैरान रह गए।
जानकारी के अनुसार सरकारी राशन विक्रेता द्वारा गरीब अनुसूचित जाति की बर्तन मांजने झाड़ू पोछा करने वाली विधवा स्त्री प्रमिला के परिवार के राशन का हक मारकर उनका उत्पीडऩ कर खुलेआम मानवाधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। इस संबंध में मानवाधिकार कार्यकर्ता भूपेंद्र कुमार ने मानवाधिकार आयोग को लिखित शिकायत की है कि देहरादून के राजीव नगर में एक गरीब अनुसूचित जाति की प्रमिला नाम की विधवा स्त्री रहती है, जिसकी चार लड़कियां हैं। वह अपने एवं अपने परिवार का गुजारा लोगों के बर्तन मांजकर झाड़ू पोछा करके करती है।
राजीवनगर क्षेत्र के सरकारी राशन दुकान के विक्रेता पूर्णानंद नौटियाल द्वारा पिछले लगभग सवा साल से गरीब स्त्री के परिवार को पूरा राशन नहीं दिया जा रहा है। मात्र एक महीने में गरीब स्त्री के हिस्से की 2 किलो गेहूं एवं 2 किलो चावल दिया जा रहा है, परंतु बहुत ही दुख की बात है कि उसके चारों बच्चों के हिस्से का राशन नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में उनके सामने अपने परिवार का जीवन यापनद करने में भारी समस्याएं आ रही हैं। कभी-कभी तो उन्हें एक समय ही खाकर सो जाना पड़ता है, परंतु राशन विक्रेता का पत्थर दिल नहीं पसीजता, जो इनके हिस्से का राशन नहीं दे रहा है।
सवाल यह है कि यह तो एक परिवार के हिस्से का राशन हड़पने का मामला है। प्रदेशभर में ऐसे न जाने कितने सरकारी डीलर गरीब के हिस्से का राशन हड़पकर मोटा मुनाफा कमा रहे होंगे, इसकी यदि निष्पक्ष जांच कराई जाए तो बड़ा खुलासा सामने आ सकता है।
बहरहाल, मामला गरीब अनुसूचित जाति परिवार से जुड़ा हुआ है। गरीबों का हक इसी तरह मारा जाता रहेगा या ऐसे सरकारी डीलरों के खिलाफ भी सरकार या शासन-प्रशासन कड़ी कार्यवाही करने की हिम्मत जुटा पाता है, यह देखने वाली बात होगी।