‘नटराज’ नहीं अब ‘बडोनी चौक’ कहिए साहब!

जगदम्बा कोठारी
ऋषिकेश। चारधाम यात्रा का मुख्य द्वार कहे जाने वाले नटराज चौक का नाम बदलकर अब ‘स्व. इन्द्रमणि बडोनी’ चौक हो गया है। पहाड़ के गांधी नाम से विख्यात स्व. इन्द्रमणि बडोनी उत्तराखंड आंदोलन के जननायक रहे हैं। उनकी स्मृति मे अब इस चौराहे का नाम ‘स्व. इन्द्रमणि बडोनी चौक’ हो गया है। पहले नटराज चौक के नाम से प्रसिद्द यह चौराहा अब ‘बडोनी चौक’ के नाम से जाना जाएगा। तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार आज बडोनी जी की पुण्यतिथी पर मुख्यमंत्री को नटराज चौक पर बडोनी जी की मूर्ती का अनावरण करना था मगर सीएम का कार्यक्रम रद्द होने के बाद मेयर अनिता ममगाई ने मूर्ती का लोकार्पण किया। हांलाकि नगर निगम ने बडोनी जी के नाम से पहले ‘स्वर्गीय’ लिखवाना जरूरी नहीं समझा,सीधा नाम लिखकर मूर्ति चौराहे पर स्थापित कर दी गयी।
लम्बे समय से शहरवासी इस चौराहे का नाम स्व. बडोनी जी के नाम पर किये जाने की मांग कर रहे थे। पहाड़ और मैदानी क्षेत्रों के मध्य मे स्थित इसी चौराहे से राजधानी दून सहित और गढ़वाल मे घुसने का प्रवेश मार्ग है। ऋषिकेश स्थित यह चौराहा गढ़वाल के सभी जिलों को राजधानी और हरिद्वार से जोड़ता है। इसे ऋषिकेश शहर का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि उत्तराखंड आन्दोलन सहित कई जन संघर्षों का साक्षी रहा यह चौक राज्य बनने के दो दशक बाद भी आज तक एक होटल के नाम से जाना जा रहा था।
मैत्री संस्था की अध्यक्षा कुसुम जोशी का कहना है कि लम्बे समय बाद ही सही मगर सरकार ने पर्वतीय गांधी की सुध तो ली है, स्व. बडोनी जी को मिला यह सभी उत्तराखंड वासियों के लिए हर्ष का विषय है ।

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