एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने आज अपने पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के नेतृत्व में दर्जनों की संख्या में सड़कों पर उतर कर मुख्यमंत्री और सरकार के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए।
यही नहीं इन्होंने मुख्यमंत्री की विधानसभा डोईवाला में मेन चौराहे पर मुख्यमंत्री का पुतला भी फूंका।
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मामला यह है कि डोईवाला के छात्र संघ चुनाव में अध्यक्ष पद का प्रत्याशी रोहन दलित परिवार का है। आरोप है कि इस पर प्रत्याशी का दबदबा देखकर भाजपाइयों ने उसको तथा उसके परिवार को डरा धमका कर जेल में डालने की धमकी दी।
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इस पर अध्यक्ष पद के प्रत्याशी रोहन सहित एनएसयूआई के सभी छह प्रत्याशियों ने अपना नामांकन वापस ले लिया, और मुख्यमंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पर उतर आए।
इसके बाद अध्यक्ष, सह सचिव और कोषाध्यक्ष पद पर एबीवीपी के प्रत्याशी निर्विरोध रूप से जीत गए।
हालांकि एबीवीपी के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष प्रकाश कोठारी का कहना है कि “रोहन के जाति प्रमाण पत्र में खामी थी, जिसके कारण उसने अपना नाम वापस ले लिया था। इसमें भाजपा अथवा एबीवीपी के द्वारा धमकाया जाने की बात कहना गलत है।”
नामांकन वापसी के कारण अध्यक्ष पद पर एबीवीपी के अभिषेक पूरी, सचिव पद पर शिवम कोहली तथा कोषाध्यक्ष पद पर अंबिका चौहान ने निर्विरोध बाजी मार ली।