कमल जगाती/नैनीताल
उत्तराखण्ड पुलिस का अमानवीय चेहरा बागेश्वर में तब सी.सी.टी.वी.कैमेरे में कैद हो गया, जब एक दुकानदार को पुलिसवाले दुकान से घसीटते हुए अपने साथ ले गए।
बागेश्वर पुलिस की तानाशाही का एक मामला सी.सी.टी.वी.में कैद हुआ है जो सोशियल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है।
वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी एक दुकानदार को उसके काउंटर से जबरन घसीटे हुए बाहर ला रहे हैं। पुलिसकर्मी दुकान में समान पटकते हुए भी दिखाई दे रहे हैं। इस घटना से व्यापार मंडल समेत बागेश्वर के लोगों में भारी आक्रोश है।
मामले के अनुसार किसी सूचना पर पुलिस की एक टीम अग्निकुंड बाईपास रोड स्थित गिरीश पांडे की किराना की दुकान पर चेकिंग के लिए पहुंची और दुकान की चेकिंग की गई।
दुकान और गोदाम से पुलिस को कुछ भी हाथ नहीं लगा। इसके बाद पुलिस जबरन दुकानदार के किरायेदार के कमरे का ताला तोड़ने लगी। जिसका गिरीश और उसके भाई राजेश पांडे ने विरोध किया। उनका कहना था कि किरायेदार की अनुपस्थिति में ताला ना तोड़ें। इस दौरान पुलिसकर्मियों और मकान स्वामी के बीच नोकझोक हुई, लेकिन पुलिस ने जबरन ताला तोड़कर किरायेदार के कमरों की तलाशी ली। पुलिस को वहां से कुछ भी हाथ नहीं लगा।
सी.सी.टी.वी.कैमरे में साफ देखा जा सकता है कि राजेश अपनी हार्डवेयर की दुकान में आकर बैठ गए। इसी दौरान पुलिस कर्मी हार्डवेयर की दुकान में पहुंचते हैं और राजेश को कुर्सी से खिंचते हुए दुकान के बाहर लाते हैं। दुकान के बाहर लगे कैमरे में पुलिसकर्मी एक अन्य व्यक्ति पर टूट पड़े। इसी दौरान एक पुलिस कर्मी दुकान के पास रखी टॉयलेट शीट को उठा कर एक व्यक्ति के ऊपर फेंकने का प्रयास करता है, लेकिन गनीमत यह रहती है कि टॉयलेट शीट हाथ से फिसल जाती है और जमीन पर गिरकर टूट जाती है। जिसके बाद काफी देर तक पुलिस का हाई वोल्टेज ड्रामा सी.सी.टी.वी.में दिखा। इसके बाद बिना किसी कारण के पुलिस वाले राजेश पांडेय और गिरीश को गाड़ी में बैठाकर पुलिस थाने ले गए, जहां से उन्हें अल्मोड़ा जेल भेज दिया गया।
राजेश की पत्नी बबिता पांडे नगरपालिका सभासद हैं। उनका कहना है कि समझ नहीं आ रहा है कि पुलिस लोगों की रक्षा के लिए है या उन पर झूठे मामले दर्ज कर जेल भेजने के लिए। उनका कहना है कि पुलिस कर्मियों ने जबरन किरायेदार की अनुपस्थिति में कमरे का ताला तोड़ा और कमरे की तलाशी ली।
बागेश्वर की एस.पी.प्रीति प्रियदर्शिनी का कहना है कि सूचना पर पुलिस टीम चेकिंग के लिए पहुंची थी। पुलिस को तलाशी में सहयोग नहीं किया गया और हाथापाई की गई, इज़के अलावा पुलिस के वाहन को भी नुकसान पहुंचाया गया है। जिस पर मामला दर्ज करते हुए दो लोगों को हिराशत में लेकर मामला दर्ज कर जेल भेज दिया गया है। मामले में एक व्यक्ति की तलाश की जा रही है।
मामले को लेकर व्यपार मंडल के सदस्य जिलाधिकारी से मिले। व्यापारियों ने जिलाधिकारी से मामले की निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई करने की मांग की। जिलाधिकारी रंजना राजगुरु ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दे दिए गए हैं।