कुछ दिन पहले अपने-अपने क्षेत्रों से गायब 50 क्षेत्र पंचायत सदस्यों में से 41 को धारचूला के एक ही होटल से बरामद कर लिया गया।
यह सभी सदस्य चमोली जिले के क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य बताए जा रहे हैं। सभी को पुलिस की निगरानी में वापस चमोली भेजे जाने की कार्यवाही शुरू की जा रही है।
जनता में इनको लेकर खासी नाराजगी है। लोग इन्हें भ्रष्ट जनप्रतिनिधि बताते हुए इन्हें काली नदी में ही डुबो देने जैसी प्रतिक्रिया कर रहे थे।
गौरतलब है कि मीडिया में इन गायब सदस्यों को लेकर छपी खबर का चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया था।
कुछ दिन पहले हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर आदेश दिया था कि सदस्यों की खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए चुनाव आयोग को मीडिया की खबरों को भी संज्ञान लेकर एफ आई आर दर्ज करानी होगी।
चुनाव आयोग ने हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार सभी जिला अधिकारियों को यह जिम्मेदारी दी थी कि किसी भी सदस्य के गायब होने की सूचना पर तुरंत कार्यवाही की जाए।
पुलिस ने आयोग के आदेश के बाद गायब सदस्यों की खोजबीन शुरू की तो यह सभी धारचूला के एक ही होटल से मिल गए।
मजेदार बात यह है कि मात्र 4 सदस्यों के पास ही अपना आईडी था। आईडी कार्ड न होने पर भी होटल में ठहराने पर पुलिस ने होटल का चालान कर दिया। इस कार्रवाई के बाद से
बीडीसी सदस्यों की घेराबंदी में लगे बड़े नेताओं में हड़कंप है गौरतलब है कि कई बीडीसी सदस्यों के कल हरिद्वार स्थित एक होटल में भी ठहरे होने की सूचना थी जिन्हें भाजपा के एक कद्दावर नेता ने अपने यहां रुकाया हुआ था। चुनाव आयोग इसकी जांच में भी लग गया है।