विभिन्न स्कूलों के साथ साथ सैंकडों निजी शूटिंग अकादमी बच्चों को शूटिंग का प्रशिक्षण दे रही हैं।जिसके लिए अभिभावक भारी फीस भी चुका रहे हैं।रोचक बात यह भी है कि इस साल तीन और नए खेल सरकार द्वारा खेल सूची में जोड़े गए हैं।लेकिन पारंपरिक शूटिंग को गायब कर दिया गया है।जबकि राष्ट्रीय स्तर पर भी सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय पदक दिलाने वाला खेल शूटिंग ही है।
लेकिन राज्य सरकार ने शूटिंग को खेल महाकुंभ से जोड़ना जरूरी नहीं समझा ।सरकार द्वारा इस खेल महाकुंभ में राज्य भर से विभिन्न खेलों में दो लाख खिलाड़ियों के प्रतिभाग का दावा किया गया है।लेकिन शूटिंग शामिल न होने से इससे जुडे खिलाड़ियों व खेल प्रेमियों में निराशा है।
अंतरराष्ट्रीय शूटिंग विजेता अभिनव बिंद्रा उत्तराखंड में रहते हैं।प्रदेश की दर्जनों खेल प्रतिभाओं ने हाल ही में भोपाल में सम्पन्न स्कूलों की राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में निशानेबाजी में स्वर्ण हासिल कर अपनी उत्कृष्टताओं का प्रदर्शन किया है।इसके बावजूद राज्य सरकार का खेल महाकुंभ में शूटिंग को न शामिल करना चौंकाने वाला है।