कुछ बैंकों की भारी भरकम शर्तों से तो कुछ राजस्व विभाग की मनमाने सर्वे से हो गए हैं अपात्र
नीरज उत्तराखंडी/पुरोला
पुरोला विकासखंड में नगर पंचायत के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना में गरीबों को मिलने वाली सहायता में गरीबों के सपनों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। गरीबों को अपना घर बनाने के सपनों पर कुछ बैंक के भारी भरकम शर्तों से तो कुछ राजस्व विभाग के निरीक्षण में लापरवाही से अपात्र हो रहे हैं।
गौरतलब है कि सरकार का सबके लिए आवास का नारा प्रधानमंत्री आवास योजना एक महत्वकांक्षी योजना है, जिसके अंतर्गत गरीबों को आवास बनवाने के लिए सहायता दी जानी है, लेकिन धरातल में कुछ और ही दिख रहा है।
पुरोला नगर पंचायत के अंतर्गत 2017-18 में 160 से भी अधिक लोगों ने आवास योजना में आवेदन किये जिनमे केवल 88 आवेदकों को ही पात्रता सूची में रखा गया। उसके पश्चात पुनः 2018-19 में 186 लोगों ने आवास योजना में सपनों का घर बनाने के लिए आवेदन किया था, लेकिन राजस्व विभाग ने अनेकों आप्पतियाँ लगा कर केवल 28 को ही पात्र माना, जबकि 158 लोगों के सपनों में पानी फिरता नजर आ रहा है।
वंही नगर क्षेत्र के समाजसेवी मनमोहन चौहान एव विहारी लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के आवंटन में पूर्व से ही गड़बड़ियां की गयी हैं. कई अपात्र लोगों को आवास योजना में रखा गया वंही कई वास्तविक पात्र गरीब लोगों को अपात्र दिखाया गया,जिसके लिए राजस्व विभाग द्वारा किये गए सर्बेक्षण में बड़ी खामियां होने का उन्होंने दावा किया।
मनमोहन चौहान ने बताया कि नगर पंचायत के वार्ड सं 01 पुरोला गाँव के कई ऐसे गरीब आवेदक हैं जिनकी पुष्तैनी खेती-बाड़ी होते हुए भी राजस्व विभाग ने नगर क्षेत्र में रहने का प्रमाण न होने की टिप्पणी लगाकर अपात्र घोषित कर दिया वंही नगर क्षेत्र में कई आवेदक ऐसे हैं जो कार्डधारक है राशनकार्ड, आधारकार्ड, जमीन के दस्तावेज एवम परिवार रजिस्टर आदि दस्तावेज पूर्ण होने पर भी नेपाली मूल का होने की टिप्पणी लगाकर अपात्र घोषित कर दिया, जो सरासर गलत है,जिसको लेकर लोग खासा नाराज हैं।
उपजिलाधिकारी सोहन सिंह ने कहा है कि यदि कोई पात्र व्यक्ति योजना से वंचित रह गया हो जो प्रधानमंत्री आवास योजना के नियमों के अंतर्गत आता हो उनको सम्मिलित किया जाएगा, जिसके लिए आवेदक को अलग से प्रार्थना पत्र देकर कार्यालय को अवगत करवाना होगा।