नीरज उत्तराखंडी
पुरोला। रामा, ढकाडा, धडोली, धामपुर, सुनाली, घुंडाडा समेत दर्जनों गांव में बन रही कच्ची शराब। मातृ शक्ति संगठन की विमला चौहान, सुमित्रा, शांति भंडारी, सुषमा देवी, ममता, प्रमीला आदि महिलाओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि आबकारी विभाग की मिलीभगत से रामा सिराईं कमल सिरांई क्षेत्र के दर्जनों गांव में कच्ची शराब धड़ल्ले से बन व बिक रही है, जिससे गांव में युवा पीढ़ी बर्बादी के कगार पर हैं।
क्षेत्र के रामा, बेस्टी, ढकाडा, धडोली, मेहराणा, चालनी, धामपुर, चपटाडी, हुडोली, सुनाली, नेत्री, घुंडाडा समेत दर्जनों गांव में धडल्ले से आबाकारी विभाग की सह पर कच्ची शराब बनाने का धंधा जारी है। हालांकि नशामुक्ति को लेकर गांव-गांव में बने मातृ संगठन कई बार कच्ची शराब समेत चरस, गांजा, स्मेक के विरोध में जुलूस प्रर्दशन कर प्रशासन व आबकारी विभाग से ग्रामीण क्षेत्रों मे बन रही कच्ची शराब, चरस व स्मेक के नशेड़ियों पर अंकुश लगानें की मांग करती आ रही है, किंतु क्षेत्र के गांव-गांव में चरस, गांजे-कच्ची शराब का धंधा जारी है। ग्रामीण क्षेत्रों में नशेड़ी युवाओं की तादाद दिनों दिन बढ़ती जा रही है।
मात शक्तिृ संगठन ने बताया कि नगर पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत पुलिस ने चरस व स्मेक के नशेड़ियों पर कुछ माह पूर्व शिकंजा कसा है, कईयों को जेल भी भेजा, किंतु अब फिर से नगर क्षेत्र में तस्कर सक्रीय हो गए हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में कच्ची शराब का धंधा आबाकारी विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से धड़ल्ले से चल रहा है।
समाजिक कार्यकर्ता गोपाल नौटियाल ने आबकारी विभाग पर मासिक वसूली कर गांव-गांव में कच्ची शराब बनाने वालों को संरक्षण देकर शराब की सरकारी दुकानों पर बिक्री ठप्प कर लाखों का राजस्व का नुकसान का आरोप लगाया।
आबकारी निरीक्षक यशवंत सिंह का कहना है कि पुरोला मोरी में कच्ची शराब बनाने वालों पर कई बार छापामारी की जा चुकी है व कईयों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज है और कच्ची शराब के खिलाफ वृहद छापामारी अभियान भी चलाया जा रहा है।