उत्तराखण्ड सरकार द्वारा किसानो की आय दोगुनी करने के दावे के बीच भेड़ खरीदने का मामला सामने आया है। उत्तराखण्ड सरकार ने आस्ट्रेलिया से उत्तराखंड के लिए रू. 333333/- (तीन लाख तैंतीस हज़ार तीन सौ तैंतीस रूपये) प्रति भेड़ के हिसाब से 240 भेड़ें मंगाई हैं।
दरअसल इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि उत्तराखंड सरकार पहाड़ी भेड़ों की नस्ल सुधारने का काम किया जाएगा। जिसके लिए आस्ट्रेलियन मेरिनो भेड़ को यहां लाने पर काम चल रहा है।
इस संबंध में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि इन भेड़ों से प्राप्त होने वाली ऊन से वूलन मिलों की विदेशी ऊन पर आत्मनिर्भरता कम होगी, वहीं उत्तरखंड में अच्छी किस्म की ऊन की उत्पादकता में तेजी से वृद्धि होगी।
सचिव पशुपालन डा. आर मीनाक्षी सुन्दरम का कहना है कि भारत सरकार की राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के अंतर्गत 3 पर्वतीय राज्यों उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश एवं जम्मू कश्मीर के लिए भेड़ों में नस्ल सुधार, ऊन गुणवत्ता एवं ऊन उत्पादन में सुधार के लिए भेड़ों के आयात की स्वीकृत प्राप्त हुई है। उत्तराखण्ड के लिए योजना के अंतर्गत 240 मेरिनों भेड़ (40 नर व 200 मादा) के लिए कुल धनराशि रु 850.00 लाख (90 प्रतिशत केन्द्रांश एवं 10 प्रतिशत राज्यांश) की धनराशि उपलब्ध करायी गई।
बहरहाल, देखना यह है कि तकरीबन साढे आठ करोड़ की ये भेड़ किसान की आय दोगुनी करने मे कितनी भूमिका निभाती है!