2022 में विधानसभा का चुनाव होने के बाद एक विधायक कम हो जाएगा। ऐसा इस वजह से होगा क्योंकि विस ने संसद की तर्ज पर एंग्लो इंडियन विधायक के मनोनयन की परंपरा को खत्म कर दिया है।
उत्तराखंड विधानसभा में सदस्यों की संख्या 70 है। इनका चुनाव सूबे का अवाम करता है। इसके अलावा एक विधायक एंग्लो इंडियन समुदाय से नामित किया जाता रहा है। इसे मिलाकर विधायकों की संख्या 71 हो जाती है। इसी के आधार पर विस में बहुमत भी तय होता है। आ मंगलवार को विस में सरकार की ओर से रखे गए एक विधेयक को मंजूरी दी गई है। इसके अनुसार अब विस में एंग्लो इंडियन समुदाय से किसी को भी विधायक मनोनीत नहीं किया जा सकेगा।
जाहिर है कि 2022 में चुनाव के बाद उत्तराखंड विस में सदस्यों की संख्या 70 ही रहेगी। यहां बता दें कि अभी हाल में ही संसद ने यह फैसला किया है कि अब एंग्लो इंडियन समुदाय को संसद या किसी भी विधानसभा में बतौर सदस्य नामित करने की कोई जरूरत नहीं है। संसद से पारित इस संविधान संशोधन विधेयक पर उत्तराखंड विस ने भी अपनी मुहर लगा दी।