7 नवंबर 2019 को उत्तराखंड की आईएएस अधिकारी अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एक पत्र जारी किया, जिसके ऊपर सर्वोच्च प्राथमिकता से पहले तत्काल भी लिखा गया। इस पत्र के आखिर में हस्ताक्षर करने से पहले राधा रतूड़ी ने यह भी लिखा कि इस पूरे प्रकरण में एफआईआर दर्ज करवाई जा रही है।
यह प्रकरण व्हाट्सएप फेसबुक पर चल रहे एक संदेश को लेकर था, जिसे राधा रतूड़ी के पत्र द्वारा फर्जी माना गया। उस फर्जी वायरल पोस्ट में 8 नवंबर 2019 को इगास के संदर्भ में अवकाश की झूठी घोषणा की गई थी।
राधा रतूड़ी ने इस पत्र में यह भी लिखा कि इस पत्र के वायरल होने से प्रदेश में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है तथा सरकारी काम में व्यवधान पड़ रहा है। 7 नवंबर 2019 को राधा रतूड़ी के इस पत्र के जारी होने के बाद किस थाने में राधा रतूड़ी ने एफआईआर दर्ज करवाई, किसी को नहीं मालूम। एफआईआर पर उत्तराखंड की पुलिस ने क्या कार्यवाही की, यह भी नहीं मालूम।
इस बीच कल मुख्यमंत्री के ऑफिशियल ट्वीट को छेडख़ानी कर इसी प्रकार वायरल करने को लेकर सरकार की ओर से अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का समाचार सरकार की ओर से प्रकाशित करवाया गया। मुख्यमंत्री द्वारा सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर किए गए ट्वीट को बदलकर उत्तराखंड में बेरोजगारी और बेरोजगारों के बारे में कुछ अनर्गल बातें कही गई। इसके बाद वायरल करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की बात सरकार द्वारा कही गई। मुख्यमंत्री की अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा दर्ज करवाई गई एफआईआर के बारे में अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
यदि उत्तराखंड में एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी द्वारा की गई एफआईआर की बात अभी तक कहीं सामने स्पष्ट नहीं हो सकी है तो ऐसे में मुख्यमंत्री के ट्वीट को बदलने वालों के खिलाफ कोई कार्यवाही होगी, इस पर भी असमंजस है।
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री जनरल भुवनचंद्र खंडूड़ी ने भी एक बार उनकी फेक आईडी बनाने पर अज्ञात के खिलाफ एफआईआर करवाई थी, लेकिन उस मामले में क्या कार्यवाही हुई, यह आज तक किसी को पता नहीं चल पाया।
देखना है कि उत्तराखंड की महान पुलिस आईएएस अधिकारी राधा रतूड़ी और मुख्यमंत्री की इस कार्यवाही के बाद कुछ कार्यवाही करती भी है या नहीं!