कुमार दुष्यंत/हरिद्वार
खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल के बीच करीब एक साल से चली आ रही अदावत कब क्या रुप ले ले। कुछ कहा नहीं जा सकता। कई बार लडाई खत्म करने के दावे के बावजूद वह बार बार भिडते रहे हैं। महिनेभर पूर्व मुख्यमंत्री की मौजूदगी में गले मिल लेने के बावजूद कर्णवाल ने यह कहकर फिर से पहलवान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था कि चैंपियन सुलहनामे के अनुसार आचरण नहीं कर रहे हैं और अब वह मामले को अदालत में ही निपटाएंगे।
इससे पूर्व पार्टी हाईकमान भी दोनों के बीच सुलह करा चुका है। देशराज कर्णवाल के विवाद को अदालत में ही सुलटाने के बयान के बाद अब मामला एकबार फिर पलट गया है, क्योंकि रविवार को खानपुर विधायक खुद झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल के रुड़की स्थित आवास पर पहुंच गए। यहां दोनों विधायकों के हाथ ही नहीं, मिले बल्कि माना जा रहा है कि दिल भी मिल गए हैं।
हाल के दिनों में यह पहला मौका है, जब सार्वजनिक कार्यक्रम के अलावा झबरेड़ा विधायक के घर पर दोनों विधायकों ने वार्ता की है। हालांकि जब पिछली दफा मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से दोनों विधायकों के बीच वार्ता हुई थी तो दोनों ने किसी तरह के मतभेद और मनभेद नहीं होने का दावा किया था। उस समय झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल के देहरादून स्थित आवास पर चैंपियन पहुंचे थे। दोनों ने एक सुर में मुख्यमंत्री के आदेश का पालन करने की बात कही थी लेकिन कुछ ही दिन बाद फिर से दोनों विधायकों के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई और मामला हाई कोर्ट से लेकर कोतवाली तक पहुंच गया था।
यही नहीं, विधायक कर्णवाल ने खानपुर विधायक के खिलाफ रुड़की कोतवाली में एससीएसटी समेत कई धारा में मुकदमा दर्ज करा दिया था। जिसके बाद माना जाने लगा था कि मामले में खानपुर विधायक की गिरफ्तारी हो सकती है, लेकिन इसी बीच जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में खानपुर विधायक चैंपियन ने भाजपा का साथ देकर डेमेज कंट्रोल का प्रयास किया। जिसका परिणाम यह रहा कि एक बार फिर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नए साल की पहली तारीख को दोनों विधायकों को देहरादून बुलाकर वार्ता की। और विवाद निपटान का दावा किया गया। उसके बाद देशराज कर्णवाल की ओर से चैंपियन के खिलाफ फिर बयानबाजी शुरू हो गई।
अब कल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के दिन शाम करीब 4 बजे खानपुर विधायक चैंपियन, विधायक देशराज कर्णवाल के रुड़की स्थित आवास पर पहुंचे। जहां दोनों ने गरमजोशी से एक दूसरे को गले लगाया। ऐसे में माना जा रहा है कि दोनों के बीच चली आ रही दुश्मनी गणतंत्रता दिवस पर दोस्ती में बदल गई है, लेकिन पिछले सालभर से दोनों के बीच में रह रहकर जो बयानबाजी होती रही है, उसको देखते यह नहीं कहा जा सकता कि गणतंत्र की यह दोस्ती कब तक चलेगी!