देहरादून। भूमि बंदोस्त होने के बाद वसुंधरा एंक्लेव कारगी रोड देहरादून के लोगों को खाता-खतौनी व खसरा नंबर गलत होने के कारण भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री तक शिकायत करने के बाद भी उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।
वसुंधरा एंक्लेव कारगी रोड देहरादून के प्रभुपाल सिंह रावत बताते हैं कि कालोनीवासियों ने वर्ष 1989 में जमीन खरीदी थी। उस समय खाता-खतौनी व खसरा नंबर बिल्कुल ठीक थे, लेकिन वर्ष 2006-07 के दौरान भूमि बंदोबस्त हुआ। उसी दौरान वसुंधरा एंक्लेव कारगी रोड देहरादून के भूमिधारकों के खाता-खतौनी व खसरा नंबर बंदोलन के दौरान गलत कर दिए गए हैं।
इस संबंध में कालोनी के लोग जनता मिलन कार्यक्रम 31 मार्च 2017 एवं २ जून 2017 को गुहार लगा चुके हैं। इसके बाद कालोनीवासियों ने अक्टूबर 2017 को सहायक कलेक्टर प्रथम श्रेणी, सदन देहरादून के न्यायालय में भू राजस्व अधिनियम 33/39 के तहत वाद दायर किए हैं, लेकिन उन्हें कहा गया कि कुछ अड़चनें आ रही हैं तथा अब भू राजस्व अधिनियम 28 के अंतर्गत दोबारा वाद दायर करें। 1905 नंबर का हाल यह है कि वहां से हमारी कॉल रिसीव ही नहीं की जा रही है।
हालत यह है कि कालोनी के लोग इस स्थिति में नहीं हैं कि वे बार-बार वाद दायर करते रहें। इनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है व वाद से समय भी बर्बाद हो रहा है।
इस संबंध में कालोनी के भूमि धारकों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह, राज्यपाल, को पत्र लिखकर खाता-खतौनी व खसरा नंबर दुरुस्त करवाने हेतु संबंधित विभाग एवं संबंधित अधिकारी को निर्देशित करने का अनुरोध किया है।
यही नहीं प्रभुपाल सिंह रावत ने भूमिधारकों के खाता-खतौनी व खसरा नंबर सही करने के संबंध में प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखकर उनकी समस्या का समाधान करने को कहा है। रावत ने लिखा है कि हम मौजा देहरादून तहसील देहरादून सदन उत्तराखंड के निवासी तीन साल से शासन-प्रशासन से अपने खाता-खतौनी व खसरा नंबर सही करने की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
कालोनी वासियों के खाता-खतौनी एवं खसरा नंबर गलत होने के कारण वे लोग मकान बनवाने के लिए ऋण तक नहीं ले पा रहे हैं। कालोनी के लोगों से उनकी समस्या का शीघ्र समाधान करने की मांग की है।