उत्तराखंड की डबल इंजन सरकार हर दिन अपने नए नए कारनामों को लेकर चर्चा में रहती है। त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने घोषणा की थी कि किसी भी विभाग का कोई भी कर्मचारी दूसरे विभाग में अटैच नहीं होगा।
अपनी बात का उन्होंने कई बार नियम तोड़कर उल्लंघन भी किया।
ताजा मामला उत्तराखंड के शिक्षा शिक्षा मंत्री का है। उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के लिए एक लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर को लाइजन ऑफिसर बनाया गया है।
इंजीनियर एसपीएस नेगी को उत्तराखंड में भाजपा की सरकार बनने के समय 2017 में ही अरविंद पांडे ने अपनी विधानसभा का लाइजन ऑफिसर बना दिया था। यहां पर गौरतलब बात यह है कि जो भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस के बोफोर्स कांड के समय अमेरिका के लाइजन ऑफिसर को दलाल के रूप में गरिया रही थी, उत्तराखंड में वही भाजपा सरकार के एक मंत्री सिर्फ अपनी विधानसभा के लिए बाकायदा लोक निर्माण विभाग से एक लाइजन अफसर को तैनात कर देते हैं।
यदि यह लाइजन ऑफिसर मंत्री जी के किसी विभाग के लिए भी तैनात होते तो भी कोई बात समझ में आती थी किंतु यह लाइजन ऑफिसर किसी सरकारी विभाग के लिए नहीं बल्कि व्यक्तिगत रूप से मंत्री अरविंद पांडे की विधानसभा के लिए लाइजन ऑफिसर के रूप में तैनात किए गए हैं।
यदि इसी तरह से हर एक मंत्री और विधायक अपनी विधानसभा के लिए एक लाइजन ऑफिसर तैनात करेगा तो आप समझ सकते हैं कि उत्तराखंड की जीरो टोलरेंस की सरकार आगे के लिए कौनसी परिपाटी डालना चाहती है।
इंजीनियर साहब का लोक निर्माण विभाग में मन नहीं लग रहा था या फिर अरविंद पांडे खुद की विधानसभा नहीं संभाल पा रहे थे, यह बात अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है।
जिस इंजीनियर को लोक निर्माण विभाग का काम करना था, वह मंत्री अरविंद पांडे की विधानसभा में घूम रहे हैं। लायजन ऑफिसर के रूप में अपना कार्ड बनाकर घूमने वाले इन इंजीनियर एसबीएस नेगी की किस मामले में महारत है, यह तो वही बता सकते हैं, लेकिन उत्तराखंड के इतिहास में यह पहली बार है, जब एक इंजीनियर किसी मंत्री का लाइजन ऑफिसर बनकर धूम मचाए हुए हैं।