इंद्रजीत असवाल
टीम ने तहकीकात की तो उसमें सबसे पहले उच्चतर माध्यमिक विद्यालय असनखेत के अध्यापक सिदार्थ से जब मीडिया ने पूछा कि जब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने उनको संकुल भवन में शराब की सूचना दी तो उन्होंने क्या वहां पर जाकर शराब देखी तो अध्यापक सिदार्थ का कहना था कि वे संकुल भवन में गए तो भवन का ताला टूटा हुआ था लेकिन उन्होंने वहां पर शराब नही देखी।
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उसके बाद मीडिया ने संकुल भवन के बगल में चल रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शकुंतला देवी से पूछा तो उनका कहना था कि जब उन्होंने 4 मार्च को संकुल भवन में शराब की पेटियां देखी तो तुरंत उनके द्वारा इसकी सूचना उच्चतर माध्यमिक विद्यालय असनखेत के अध्यापक सिदार्थ जी को दी।
सिदार्थ जी संकुल भवन में उनके साथ आये उन्होंने शराब देखी जब वो शराब की पेटियों को देख रहे थे तो मैंने उनकी फोटो भी खींची, जिसमे उनका आधा चेहरा व शराब की पेटियां नजर आ रही है।
तहसीलदार लैंसडौन, सोहन सिंह असवाल का कहना है,-“हमको 6 मार्च को सूचना मिली थी जब हम मौके पर गये तो वहाँ पर हमें कोई सामग्री नही मिली।”
इतने में आप समझ गए होंगे कि शराब संकुल भवन से गायब होने व शराब माफियाओं की तस्करी मे अध्यापक सिदार्थ की संदिग्ध भूमिका नजर आ रही है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्यवाही करता है।