विकासनगर। प्रदेश सरकार के मुखिया त्रिवेन्द्र रावत 18 मार्च को सरकार के 3 साल के कार्यकाल पूरा करने पर विधानसभावार उपलब्धि दिवस ‘बातें कम, काम ज्यादा’ प्रदेश में मनाने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन कोरोना के कहर ने इस जश्न/उपलब्धि दिवस को स्थगित/निरस्त कराकर प्रदेश को शर्मसार होने व करोड़ों रुपये स्वाहा होने से बचा लिया।
बड़े दुर्भाग्य की बात है कि सरकार के इन तीन सालों में प्रदेश को इनकी अनुभवहीनता/निकम्मेपन/भ्रष्टाचार की वजह से सिर्फ बर्बादी ही मिली है। आलम यह है कि इनके कार्यकाल में डेंगू से हुई दर्जनों मौतें, हरिद्वार व देहरादून में जहरीली शराब के कारोबार व उसके पीने से दर्जनों मौतें, किसान/व्यापारी द्वारा अपना रोजगार चैपट होने के कारण हुई मौतों को सरकार उपलब्धि मान रही है।
जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि प्रदेश में इनके कार्यकाल में हजारों उद्योग बंद हो गए, युवा रोजगार की तलाश में भटक रहा है तथा इन तीन सालों में सरकार दो-तीन हजार लोगों को भी रोजगार नहीं दे पाई। प्रदेश को हजारों करोड़ रुपये कर्ज में डुबाकर बर्बाद करने का काम किया गया है। 108 सेवा कर्मचारियों का दर्द भी किसी से छिपा नहीं है। खुशियों की सवारी बंद हो गयी तथा प्रसव सड़कों पर हो रहे हैं। अस्पतालों में डॉक्टर्स व विद्यालयों में अध्यापक नहीं है।
नेगी ने कहा कि पूर्व में प्रदेश के गरीब परिवारों (पति-पत्नी) दोनों को वृद्धावस्था पेंशन मिलती थी, लेकिन अब सिर्फ एक सदस्य को ही मिलती है।
सरकार द्वारा फर्जी आंकड़े तैयार कर जीडीपी, प्रति व्यक्ति आय व फर्जी आंकड़ों के आधार पर राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल किए जा रहे हैं।
नेगी ने कहा कि प्रदेश में नित नए घोटालों को इनकी सरपरस्ती में अंजाम दिया जा रहा है। इसके साथ-साथ प्रदेश की जनता/कर्मचारी सड़कों पर आंदोलित है, ऐसे में किस प्रकार का जश्न/उपलब्धि त्रिवेन्द्र सरकार मनाना चाहती है। मोर्चा त्रिवेन्द्र सरकार से मांग करता है कि उपलब्धि दिवस के बजाय काला दिवस मनाए।