संविदाकर्मियों के हवाले स्वास्थ्य विभाग।
संविदाकर्मी डॉक्टरों तथा संविदाकर्मी अधीनस्थ स्टाफ के हवाले हैं राज्य की सीमावर्ती चेकपोस्ट तथा आइसोलेशन सेंटर
मात्र 20 हजार से 30 हजार तनख्वाह पाने वाला संविदाकर्मी अपनी जिम्मेदारियों में मुस्तैद तथा 2 लाख से 3 लाख तक तनख्वाह पाने वाला परमानेंट स्टाफ लापता।
यहां तक कि राज्य सरकार ने मात्र 15000 में जो डॉक्टर तैयार किये, वे भी संकट की इस घड़ी में लापता।
यहां तक कि एम्बुलेंस में भी तैनात हैं सिर्फ संविदाकर्मी।
केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार की संवेदनशीलता को आईना दिखाता उत्तराखण्ड स्वास्थ्य विभाग
होली की छुट्टियों से अभी तक अपने अपने तैनाती स्थल में वापस नहीं लौटे हैं परमानेंट डॉक्टर तथा परमानेंट फार्मेसिस्ट
क्या कोरोना कमांडो की बीमा पॉलिसी में आ पाएंगे ये संविदाकर्मी।