सतपाल धानिया/विकासनगर
पूरी दुनिया में तबाही मचा रहा कोरोना वायरस देहरादून नगर निगम के मेयर सुनील उनियाल गामा औऱ नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे के लिए कोई मायने नहीं रखता और न ही मेयर और नगर आयुक्त क़ो प्रधानमंत्री के जनता कर्फ्यू और लॉकडाउन करने की अपील ही असर डाल रही है। नगर निगम द्बारा शीशमबाड़ा में बनाया गया कूड़ा निस्तारण केन्द्र मेयर सुनील उनियाल गामा और नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे के लिए वैश्विक आपदा बने कोरोना वायरस के रोकथाम से भी ज्यादा अजीज हो गया कोरोना वायरस क़ो खत्म करने के लिए रेलवे बंद है, रोडवेज बंद है, तमाम बड़ी बड़ी इंडस्ट्रीज बंद है। लोग घरों में कैद हैं। पूरी दुनिया में त्राहिमाम मचा हुआ। कोरोना वायरस के संक्रमण क़ो खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल, सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्री तमाम सरकारी अमला देश की सेना औऱ पुलिस पूरी ताकत झोंके हुए है कि कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति और वस्तु जहां भी है, उसे वही आइसोलेशन किया जाये। किसी भी संक्रमित व्यक्ति या वस्तु क़ो एक जगह से दूसरी जगह नहीं जाने दिया जा रहा है। हर गली, नुक्कड़, चौराहे, गांव, शहर क़ो पुलिस ने सील किया हुआ है।
बावजूद इसके मेयर सुनील उनियाल गामा औऱ नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे के आदेश से शीशमबाड़ा कूड़ा निस्तारण केन्द्र बेरोकटोक चल रहा है। कूड़ा निस्तारण केन्द्र में नगर निगम देहरादून, नगरपालिका मसूरी, नगरपालिका विकासनगर, हर्बर्टपुर से लॉकडाउन होने के बावजूद लगभग पचास ट्रक कूड़े के लाए जा रहे हैं, जिसमें अस्पतालों के कचरे से लेकर हर घर क़ा कचरा लाया जा रहा है और यह कूड़े के ट्रक आबादी क्षेत्रों से होकर शीशमबाड़ा कूड़ा निस्तारण केन्द्र तक पहुंचाये जा रहे हैं और यह कूड़ा खुले वाहनो में रोड पर गिरता हुआ आता है। ऐसे में अगर कोरोना वायरस संक्रमित कूड़ा क्षेत्र में आ गया तो पांच लाख से अधिक आबादी के लिऐ खतरा पैदा हो सकता है।
साथ ही कूड़ा निस्तारण केन्द्र में काम कर रहे श्रमिकों क़ो भी संक्रमण फैल सकता है, जबकि खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश से अपील की है कि इक्कीस दिनों तक सभी काम बंद कर दे औऱ अपने घरों में ही रहे। बावजूद इसके पचास ट्रक कूड़े के रोज शीशमबाड़ा में आना लॉकडाउन क़ा उल्लंघन है।
एक ओर जहां पुलिस घर से बाहर निकलने वाले लोगों पर लाठियां भांज रही है, लॉक डाउन के दौरान रोड पर चलने वाले वाहनों क़ो सीज औऱ चालान कर रही है, जुर्माना वसूल रही है, लेकिन मेयर के कूड़े के वाहनों पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के बेहद करीबी होने के चलते मेयर सुनील उनियाल गामा के कूड़े के वाहनों पर शासन प्रशासन भी हाथ डालते हुए घबराता है।
नियमों क़ो ताक पर रखकर बिना पर्यावरण प्रदूषण विभाग की एनओसी के चल रहे कूड़ा निस्तारण केन्द्र पर लॉकडाउन औऱ जनता कर्फ्यू क़ा कोई असर होता दिखाई नहीं दे रहा है या यूं कहें कि मेयर सुनील उनियाल गामा औऱ नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे जानबूझ कर लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं
आपको बता दें कि शीशमबाड़ा कूड़ा निस्तारण केन्द्र क़ा दूषित पानी भूमिगत जल में मिल रहा है औऱ इस पानी क़ो लोग पीते हैं। ऐसे में अगर कूड़ा निस्तारण केन्द्र में कोरोना वायरस से संक्रमित दूषित पानी कूड़ा या वायरस पहुंच गया औऱ वह भूमिगत जल में विलय हो गया तो हालात चीन के वुहान शहर से भी ज्यादा भयावह होंगे, क्योंकि जिस क्षेत्र में यह कूड़ा निस्तारण केन्द्र बनाया गया है। उस क्षेत्र में लगभग पांच लाख की आबादी, सैकड़ों बड़े छोटे शिक्षण संस्थान, सैकड़ों औद्योगिक इकाइयां स्थित है, जो इसी पानी क़ो पीकर अपना गुजारा करती है। इतनी बड़ी वैश्विक आपदा में अगर मेयर औऱ नगर आयुक्त इस तरह की लापरवाही कर रहे हैं तो यह सोचने वाली बात है, जबकि ऐसे में चाहिए था कि जो कूड़ा जिस शहर में है, उसे वहीं निस्तारण किया जाये तो वहीं जिन वाहनों में कूड़ा लाया जाता है, उन वाहनों क़ो आसन नदी में ही धुला जाता है, जबकि आसन नदी पर एशिया क़ा सबसे बड़ा वैटलैंड है। ऐसे में प्रवासी पक्षी भी संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं तो वहीं लोकडाउन के दौरान सड़क पर इस तरह से कूड़े के वाहनों क़ो दौड़ाने से क्षेत्रवासियों में भी रोष पनपने लगा है।
स्थानीय निवासियों क़ा यह कहना है कि लॉकडाउन क़ा उल्लंघन करने औऱ लोगों की जान से खिलवाड़ करने वाले सभी लोगों पर मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए औऱ जब तक कोरोना वायरस क़ो पूर्ण रूप से खत्म ना किया जा सके, शीशमबाड़ा कूड़ा निस्तारण केन्द्र क़ो पूर्णतया अन्य इकाइयों की तरह सरकार क़ो बंद कर देना चाहिए। वहीं इस संबंध में क्षेत्रवासी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क़ो शिकायती पत्र भी भेज रहे हैं, जिससे क्षेत्र में कोरोना जैसी महामारी क़ो फैलने से रोका जा सके औऱ ऐसे गैर जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों पर कार्यवाही की गुहार भी लगाएंगे।
इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि देहरादून नगर निगम के मेयर और अधिकारी कोरोना वायरस क़ो खत्म करने के लिए कितना संजीदा हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील भाजपा के मेयर और जिम्मेदार अधिकारी किस तरह पालन कर रहे हैं!!