चमोली। कोरोना वाइरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश मे लॉकडाउन किया गया है। लॉकडाउन के चलते एक बेटे को अपनी मां की अर्थी को कंधा देने से रोका गया। बेटे ने मां की अर्थी को कंधा देने के लिए आला अधिकारियों से बाकायदा अनुमति भी मांग थी।
जनपद चमोली का एक बेटा अपनी मां की अर्थी को कंधा देने के लिए हरिद्वार से चलकर गौचर तक पहुंच गया। वो अपने घर जा रहा था, लेकिन बीच रास्ते मे पुलिस प्रशासन द्वारा उसे रोक दिया गया। बेटा पुलिस प्रशासन औऱ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से गुहार लगाता रहा, लेकिन किसी ने उसकी एक नहीं सुनी और उसे और उसकी पत्नी को क्वारंटीन कर दिया।
बाद में जब जिलाधिकारी तक बात पहुंची तो उसे अपने गांव जाने दिया गया। लेकिन, वो अपनी मां को आखिरी विदाई नहीं दे सका।
हरिद्वार के कनखल की राधिका एन्क्लेव कालोनी में रहने वाले संतोष प्रसाद पुरोहित चमोली जिले के गांव पुरोहित बुरसाड़ी के निवासी हैं। संतोष पेट्रोल पंप पर काम करता है।
बुधवार की सुबह उसकी मां सावित्री देवी का निधन हो गया। मां की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए संतोष ने बाकायदा एसपी सिटी कार्यालय से अनुमति भी ली। जब वो गौचर पहुंचा तो पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने संतोष और उसकी पत्नी को क्वारंटीरन कर दिया। बेटा प्रशासन के सामने गिड़गिड़ाता रहा, लेकिन किसी ने उसकी नहीं सुनी।