कोटद्वार। सरकार और स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से विना राशन कार्ड धारकों को लाक डाउन को सफल बनाने के लिए बाहरी राज्यों के लोगों, मजदूरों को मुफ़्त राशन और भोजन की व्यवस्था की जा रही है। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे, लेकिन इस गंभीर संकट में कुछ ऐसी मानसिकता के लोग भी हैं, जो अपनी पक्षधरता और ओछी हरकतों से बाज नहीं आते।
ऐसा ही कुछ मामला कोटद्वार के वार्ड नंबर 10 में देखने को मिला, जहां विना राशन कार्ड धारकों को राशन वितरण के लिए जब राशन की गाड़ी पहुंची तो राशन वितरण में धांधली देखने को मिली। बाहरी मजदूरों और बिना राशनकार्ड धारकों के बजाय राशनकार्ड धारकों को चेहरे देख देख कर पार्षद के परिजन राशन वितरण करने लगे। बिना राशनकार्ड धारकों को डांट डपट और पुलिस के सहयोग से भगाया जाने लगा।
किशनगंज के मजदूरों के अनुसार राशन लेने के लिए उनका नाम तो लिखा है और नंबर भी दिया है। उसके बावजूद भी दो दिन लाइन में खड़े होने के बाद उन्हें खाली हाथ लौटा दिया गया है। वहीं स्थानीय निवासी मुख्तार अब्बास के अनुसार जिन लोगों के नाम लिस्ट में हैं, उनकी बजाय पार्षद के परिजन अपने चहेतों को राशन दिलवा रहे हैं। किराए में रहने वाले गरीब मजदूर राशन न मिलने से खासे मायूस और नाराज हो रहे हैं।
प्रशासन और स्वयसेवियों की नेक पहल को तुच्छ मानसिकता के लोग पलीता लगाने से नहीं चूक रहे। ऐसे लोगों को चिन्हित कर बाहर किया जाए और जिन शिक्षकों ने लिस्ट तैयार कर बनाई है, उनके द्वारा ही राशन वितरण किया जाए।