जगदम्बा कोठारी
विश्वप्रसिद्द चारधाम यात्रा 26 अप्रैल अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने साथ शुरू हो रही है। इसके बाद 29 अप्रैल को केदारनाथ और अगले दिन 30 अप्रैल को बद्रीधाम के कपाट खुलने की तिथि नियत है लेकिन हैरत की बात है कि बद्रीधाम और केदार धाम के मुख्य रावल अभी तक अपने अपने धामों मे नहीं पहुंच सके हैं। लाॅक डाउन के कारण जहां बद्रीधाम के दक्षिण भारतीय मूल के मुख्य रावल श्री ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी केरल मे फंसे हैं तो केदारनाथ के रावल श्री भीमाशंकर लिंग महाराष्ट्र मे फंसे हैॆ।
हालांकि दोनों धामों के रावलों को वहां की राज्य सरकारों द्वारा क्वारेंटाइन कर सुरक्षित रखा गया है लेकिन धामों के कपाट खुलने की तिथि नजदीक आने के कारण श्रद्दालुओं मे संशय बना हुआ है कि सदियों से चली आ रही कपाट खुलने की प्रथा इस वर्ष भी धामों के मुख्य रावल द्वारा संपन्न भी हो सकेगी अथवा नहीं। इस बात को लेकर राज्य सरकार की चारधाम यात्रा तैयारियों की जमकर किरकिरी हो रही है।
यहां तक कि केदारधाम के मुख्य रावल श्री भीमा शंकर ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर स्वयं को शीघ्र केदारनाथ पहुंचाने की मांग तक की है। उन्होने पीएम से मांग की है कि यदि वायु मार्ग से संभव नहीं है तो वह सड़क मार्ग से भी ऊखीमठ पहुंचने के लिए तैयार हैं। उन्हे केवल केंद्र सरकार अनुमति प्रदान कर दे। हालांकि केंद्र से इस प्रकार की किसी अनुमति देने की कोई सूचना अभी तक नहीं आयी है।
वहीं राज्य सरकार दोनों धामों के कपाट वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए खुलवाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए कल मुख्यमंत्री कैबिनेट की अनोपचारिक बैठक भी आयोजित की लेकिन सरकार अभी तक केंद्र के आदेश का इंतजार ही कर रही है कि वह बद्रीनाथ और केदारनाथ के रावलों को जल्द उत्तराखंड भेजने की व्यवस्था करे अन्यथा संभव हो सकता है कि इस बार बद्रीनाथ और केदारनाथ के रावल वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए ही कपाट खोलने की प्रक्रिया संपन्न कर सकते हैं। अगर यह होता है तो इतिहास मे पहली बार होगा कि इन विश्व प्रसिद्द धामों के कपाट इनके मुख्य रावल के हाथों नहीं खुलेंगे। वहीं चारों धामों पर कपाट खुलने के बाद भी श्रद्दालुओं को दर्शन करने की अनुमति नहीं होगी। इसके लिए सरकार वैष्णों देवी की तर्ज पर सोशल मीडिया द्वारा लाईव आरती और दर्शन करवाने की तैयारियां कर रही है।