जगदंबा कोठारी
देहरादून बस नाम का हाॅटस्पाट रह गया है। वरना इसका माखौल उड़ाने मे हमारे रहनुमाओं ने कोई कसर नहीं छोड़ी है।कोई मर खप जाए जाए तो भले ही लाख बंदिशे हों, लेकिन भाजपा के उद्घाटन समारोहों के लिए कोई नियम नही।
दो दिन पहले 19अप्रैल को मुख्यमंत्री के ओएसडी धीरेंद्र पंवार ‘मोदी किचन’ की रिबन काटते हुए सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे और उसके एक दिन बाद कल 20 अप्रैल को देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा एक बर्थडे पार्टी में पूरे लाव लश्कर के साथ जश्न मनाते हुए दिनभर सोशल मीडिया पर ट्रेंड होते रहे।
एक भी ऐसा व्यक्ति सोशल मीडिया पर नहीं था जिसने इन दोनों घटनाओं के पक्ष में एक भी शब्द कहा हो।
मोदी किचन इवेंट पर मीडिया मौन, मुखिया मौन
2 दिन पहले 19 अप्रैल को मुख्यमंत्री के ओएसडी धीरेंद्र कुमार ने मोदी किचन का रिबन काटकर उद्घाटन किया उद्घाटन समारोह में दो दर्जन लोग शामिल थे और जमकर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गई। लेकिन यह खबर भी अखबारों से गायब थी।
लॉक डाउन की धज्जियां उड़ाती हमारे जनप्रतिनिधियों की इन तस्वीरों ने लोगों को बिल्कुल अवाक कर दिया। यही नहीं टिहरी के घनसाली में विधायक शक्ति लाल शाह भी एक मीटिंग करते दिखे तो उनकी मीटिंग की फोटोग्राफ्स भी पूरे दिन भर सोशल मीडिया पर चर्चाएं बटोरती रही।
टिहरी मे घनसाली विधायक का जलवा
टिहरी के घनसाली में भी विधायक शक्ति लाल शाह ने भाजपा जिला अध्यक्ष, ब्लाक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य तथा मंडल अध्यक्ष और तमाम कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक की। इस पर भी लॉक डाउनलोड, सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गई।
ऐसा लगता है कि मानो भाजपा से जुड़े होने से कोरोना बिल्कुल नहीं होगा।
हम हैं मेयर : कोरोना हू केयर
देहरादून के मेयर सालावाला के भाजपा पार्षद भूपेंद्र कठैत के घर पर बर्थडे में पहुंचे तो एक दूसरे से चिपक चिपक कर केक काटने और खाने की जो तस्वीरें सोशल मीडिया पर नुमाया हुई, उससे ऐसा लगता है लॉक डाउन को लेकर तमाम नियम कायदे सिर्फ आम आदमी तक ही सीमित हैं।
इन सबके ऊपर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत तो लॉक टाउन घोषित होने से ही अपने घर में बिल्कुल लॉक टाउन है और इक्का-दुक्का मामलों को छोड़ दें तो वह अपने घर से बाहर नहीं निकले। ऐसा लगता है कि उन्होंने अपने खास सिपहसालारों और पार्टी के विधायकों को सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाने की खुली छूट दे रखी है।
लेकिन इन सब मामलों को लेकर शासन प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है। पुलिस प्रशासन इसलिए चुप है किसी को जिले की कप्तानी चाहिए तो किसी को पुलिस विभाग में शीर्षक पद पर पहुंचना है। इसलिए कोई भी भाजपा और त्रिवेंद्र सिंह रावत को नाराज नहीं करना चाहता और त्रिवेंद्र सिंह रावत लॉक डाउन के खोल से बाहर निकलने का साहस नहीं दिखा पा रहे।
इसी तरह कुछ दिन पहले चमोली के थराली में थराली विधायक मुन्नी देवी भी सोशल डिस्टेंसिंग का जमकर मखौल उड़ाते दिखी लेकिन यह सारी खबरें प्रिंट मीडिया में कहीं भी नहीं है। यही नहीं यह खबरें किसी न्यूज़ पोर्टल का विषय भी नहीं बनी।
यही कारण है कि आज प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया के बीच एक बड़ी खाई और मिसकम्युनिकेशन या संवाद हीनता तैयार हो रही है। जब मीडिया किसी विषय पर नहीं बोलता तो फिर लोग उस विषय पर बोलने लगते हैं और यहीं से मीडिया अपनी विश्वसनीयता खोने लगता है।
जब यह तस्वीरें इस तरह से सोशल मीडिया में आम है तो भला सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाने और कोरोना फैलाने का ठीकरा तबलीगी जमात के सर फोड़ना कहां तक सही है ! जाहिल तो भाजपा में भी कम नहीं।